हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत : सत्संग में 78 आयोजनकर्ता थे शामिल, होर्डिंग में लिखे सबके नाम

UPT | सत्संग में 78 आयोजनकर्ता थे शामिल

Jul 03, 2024 15:23

2 जुलाई को हुए हादसे ने सबको हैरत में डाल रखा है। कई घरों में मातम छाया है तो कहीं लोग सहमे हुए हैं। वहीं इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। कार्यक्रम में एक नहीं बल्कि 78 आयोजनकर्ता शामिल थे...

Hathras News : 2 जुलाई को हुए हादसे ने सबको हैरत में डाल रखा है। कई घरों में मातम छाया है तो कहीं लोग सहमे हुए हैं। मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के नाम से नारायण साकार हरि का सत्संग हाथरस जनपद के सिकंदराराऊ तहसील अंतर्गत नेशनल हाइवे पर ग्राम फुलरई में आयोजित किया गया। जिसमें 121 लोगों की जान चली गई। इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। कार्यक्रम में एक नहीं बल्कि 78 आयोजनकर्ता शामिल थे।

एक नहीं 78 आयोजनकर्ता शामिल
जहां पर सत्संग हुआ वहां पर एक होर्डिंग लगा हुआ था। जिसमें 78 आयोजनकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। इसमें इंजीनियर देवप्रकाश मधुकर प्रभारी के साथ अध्यापक, प्रधानाचार्य, चालक, लेखपाल, फौजी आदि शामिल हैं। इस मामले में यह भी सामने आया है कि पुलिस के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलती। अंदर की सुरक्षा का जिम्मा आयोजनों में सेवादार का होता है। भगदड़ के बाद घटना को दबाने का प्रयास किया गया और सेवादार अंत में मौके पर फरार हो गए।



आयोजकों पर एफआईआर
बता दें कि इस घटना को लेकर सिकंदराराऊ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन हाथरस पुलिस ने बाबा को FIR में नामजद नहीं किया है। पुलिस ने सेवादार और अन्य आयोजकों पर ही केस दर्ज किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरह से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

ऐसे हुआ हादसा
हाथरस हादसे पर पहली जांच पूरी हो गई है। एसडीएम ने डीएम को इसकी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें बताया गया है कि जब लोग बाबा का आशीर्वाद लेने आ रहे थे तो बाबा की प्राइवेट आर्मी के लोगों ने धक्का-मुक्की की। हादसे के वक्त पंडाल में 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ थी। एसडीएम सिकंदराराऊ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सत्संग खत्म होने के बाद नारायण साकार हरि (भोले बाबा) के दर्शन और चरण स्पर्श करने के साथ चरण रज माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। तभी श्रद्धालु उनके वाहन की ओर दौड़ने लगे। बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों ने  सेवादारों ने भीड़ को रोकने के लिए धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इससे कुछ लोग नीचे गिर गए।

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