दरोगा आत्महत्या की कोशिश मामले में नया मोड़ : मजिस्ट्रेट ने दरोगा पर लगाए गंभीर आरोप, एसएसपी-सीजेएम से की शिकायत 

UPT | अब दरोगा पर लगे गंभीर आरोप

Sep 18, 2024 23:39

अलीगढ़ में दरोगा द्वारा आत्महत्या करने की कोशिश के मामले में नया मोड़ आ गया है। न्यायालय रिमांड मजिस्ट्रेट ने दरोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Short Highlights
  • पहले दरोगा ने कोर्ट में लगाए थे अभद्र व्यवहार का आरोप 
  • अभियुक्तों की गिरफ्तारी में की गई अनियमितता
  • दरोगा पर न्यायालय में अभद्र भाषा के प्रयोग का आरोप 
Aligarh News : अलीगढ़ में दरोगा द्वारा आत्महत्या करने की कोशिश के मामले में नया मोड़ आ गया है। न्यायालय रिमांड मजिस्ट्रेट ने दरोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दरोगा के खिलाफ सीजेएम व एसएसपी को शिकायत भेजी है। न्यायालय की तरफ से दरोगा सचिन कुमार पर ही अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है।  

पहले दरोगा ने कोर्ट में लगाए थे अभद्र व्यवहार करने का आरोप 
दरअसल, सोमवार को थाना बन्ना देवी के दरोगा ने बाइक चोरी के आरोप में पांच लोगों को पकड़ा था। जिन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान दरोगा सचिन कुमार ने कोर्ट में अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया और रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या का प्रयास किया। यह मामला चर्चा में बना हुआ है।  


अभियुक्तों की गिरफ्तारी में की गई अनियमितता
वहीं, मजिस्ट्रेट की तरफ से रिमांड प्रपत्र और प्रथम सूचना रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। जिसमें अभियुक्त द्वारा चोरी की संपत्ति बरामद होने का आरोप लगाया।  प्रथम दृष्टया आरोपियों को रिमांड में भेजे जाने का आधार पर्याप्त है, लेकिन अभियुक्तों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके शरीर पर चोट है और गिरफ्तारी प्रपत्र पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी की सूचना परिजनों को भेजे जाने का उल्लेख नहीं है। जो डीके बसु बनाम बंगाल राज्य में प्रतिपादित सिद्धांतों का पालन नहीं करती है। मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में एसएसपी को गिरफ्तारी के संबंध में अनियमितता किये जाने की सूचना भेजी है।  

दरोगा पर न्यायालय में अभद्र भाषा के प्रयोग का आरोप 
वही, दरोगा पर आरोप लगा है कि वह ऐसे फालतू सूचना अभियक्तों के परिवार को देने का समय पुलिस के पास नहीं है। वहीं, कोर्ट की तरफ से यह कहा गया कि यह देखा जाना आवश्यक है कि अभियुक्तों के अधिकार प्रभावित तो नहीं हो रहे हैं। वहीं, दरोगा सचिन कुमार पर न्यायालय में अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया। दरोगा पर यह कहने का आरोप है कि पुलिस ने बड़े-बड़ों को ठीक कर दिए हैं, अभी एक रिपोर्ट लिख देंगे तो दिमाग ठिकाने आ जाएगा, फिर रिमांड प्रपत्र और केस डायरी फेंकते हुए कहा कि यह कागज आप ही रख लें, हम मुल्जिमों को ले जा रहे हैं और आपके विरुद्ध अपमानित करने और आत्महत्या करने के लिए मजबूर किए जाने का मुकदमा लिखाएंगे। यह कहते हुए दरोगा न्यायालय से चले गए।  

दरोगा की शिकायत एसएसपी-सीजेएम से की गई 
वहीं, दरोगा पर ही धमकी देने और न्यायिक कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है। दरोगा द्वारा किया गया कृत्य न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है। न्यायिक अधिकारी को डरा धमका कर अपने पक्ष में न्यायिक आदेश प्राप्त करने का प्रयास किया गया। दरोगा पर अभद्रता की सूचना के आदेश की कॉपी एसएसपी और सीजेएम को दी गई है।  

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