Aligarh News : AMU में मोहर्रम के जुलूस में फिलीस्तीन पर हो रहे अत्याचार को लेकर उठी आवाज, कहा - इमाम हुसैन की कुर्बानी आतंकवाद के खिलाफ थी

UPT | मोहर्रम का जुलूस निकला।

Jul 17, 2024 21:26

अलीगढ़ में गमगीन माहौल में बुधवार को मोहर्रम का जुलूस निकल गया । इस दौरान फिलीस्तीन पर हो रहे आतंकवाद को लेकर आवाज उठाई गई।

Short Highlights
  • मोहर्रम इंसानियत का पैगाम देता है 
  • इमाम हुसैन की कुर्बानी आतंकवाद के खिलाफ थी
Aligarh News : अलीगढ़ में गमगीन माहौल में बुधवार को मोहर्रम का जुलूस निकल गया । जुलूस में सीनाजनी करते हुए रंजोगम का माहौल था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थित बैतूल सलात इमामबाड़ा से ताजिया का जुलूस निकाला गया और शहर के विभिन्न रास्तों से होता हुआ कर्बला तक पहुंचा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में निकाले गए ताजिए के जुलूस में एएमयू के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।  

मोहर्रम इंसानियत का पैगाम देता है 
एएमयू में निकाले गए जुलूस में मोहर्रम को 1400 साल से आतंकवाद के खिलाफ एक आंदोलन बताया गया और पोस्टर को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान फिलिस्तीन के समर्थन में लोगों ने आवाज उठाई।  एएमयू की प्रोफेसर इमराना नसीम ने कहा कि इमाम हुसैन ने एंटी टेररिज्म के खिलाफ संदेश दिया। आजकल जो मासूमों का कत्ल हो रहा है वह टेररिज्म ही है। इंसानियत आतंकवाद का समर्थन नहीं करती है। फिलिस्तीन, पाकिस्तान में किसी भी किस्म का आतंकवाद हो, इसको सपोर्ट नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि  मोहर्रम इंसानियत का पैगाम देता है। 

इमाम हुसैन की कुर्बानी आतंकवाद के खिलाफ थी
अंजुमन तंजीम उल बैतुल सलात के सेक्रेचरी नादिर अब्बास नकवी ने कहा कि इमाम साहब की शहादत के चौदह सौ साल हो गए, लेकिन आज भी इस रंजोगम में पूरी दुनिया शामिल है।  एएमयू में 100 साल से अजादारी हो रही है। वहीं, इंसानियत का पैगाम देने के लिए जुलूस निकाला जाता है। उन्होंने बताया कि मोहर्रम का मकसद हर आतंकवाद के खिलाफ है, क्योंकि इमाम हुसैन ने जो कुर्बानी दी थी, वह आतंकवाद के खिलाफ थी। यजीद चाहता था इंसानियत मिट जाएं, लेकिन इमाम हुसैन ने उसके खिलाफ आवाज उठाई  थी। एएमयू के प्रोफेसर लतीफ हुसैन शाह काजमी ने बताया कि कर्बला में इमाम साहब ने अपनी अजीम शहादत पेश की थी. इमाम साहब की कुर्बानी किसी खास फिरके के लिए नहीं है, बल्कि इंसानियत के लिए है। 

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