Ayodhya News : नौ माह पेट में पाला, लोक लिहाज की आड़ में नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंका

UPT | झाड़ियों में मिली नवजात

Oct 06, 2024 17:55

किसी कलयुगी ने 09 माह पेट में पालने के बाद 02 किलोग्राम की स्वस्थ नवजात बच्ची को लोक लिहाज या मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया...

Short Highlights
  • झाड़ियों में रोने की आवाज पर पहुंचे लोग
  • स्थानीय लोगों और पुलिस ने बचाई जान, अस्पताल में की गई भर्ती

Ayodhya News : किसी कलयुगी ने 09 माह पेट में पालने के बाद 02 किलोग्राम की स्वस्थ नवजात बच्ची को लोक लिहाज या मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया। ममता के आंचल से दूर नवजात की रोने की आवाज पर लोग पहुंच गए। वाक्या अयोध्या जनपद के अमानीगंज ब्लॉक मुख्यालय का है। जहां रविवार सुबह कुछ लोगों को झाड़ियों से एक नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी।



स्थानीय प्रेम कुमार यादव ने तत्परता दिखाते हुए झाड़ियों से नवजात बच्ची को बाहर निकाला। तुरंत खण्डासा पुलिस को सूचित किया। पुलिस और चिकित्सा टीम की तत्परता से बच्ची की जान बच गई। खण्डासा पुलिस चौकी की टीम ने मौके पर पहुंचकर नवजात को कब्जे में लिया। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) खण्डासा में भर्ती कराया। डॉक्टरों के प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची स्वस्थ है। इसके बाद चाइल्ड केयर टीम ने बच्ची को जिला चिकित्सालय अयोध्या रेफर किया। जहां उसे विशेष देखभाल में रखा जाएगा।

चाइल्ड केयर टीम ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कराय
पुलिस की सूचना पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडासा पहुंची चाइल्ड केयर टीम नवजात को रेफर कराकर जिला अस्पताल अयोध्या ले गई। चाइल्ड केयर सुपरवाइजर घनश्याम ने बताया कि डॉक्टरों की निगरानी में नवजात रहेगी। बच्ची का वजन 2 किलो है और उसकी हालत स्थिर है। बच्ची को फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। बाल कल्याण समिति के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। झाड़ियों में बच्ची मिलने की सूचना पूरे क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई और लोगों की भीड़ जमा होने लगी।

बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला
प्रेम कुमार यादव ने सूझबूझ से बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला और पुलिस को सूचित किया। चौकी प्रभारी प्रशांत शर्मा और उनकी टीम ने तुरंत नवजात को अस्पताल पहुंचाया। चाइल्ड केयर टीम के सदस्यों घनश्याम और प्रीति ने भी मौके पर पहुंचकर बच्ची की देखरेख की। बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने कहा है कि बच्ची के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे आवश्यक कानूनी और सामाजिक प्रक्रियाओं के तहत उचित देखरेख में दिया जाएगा।

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