स्कूल भवन जर्जर: बरामदे में हो रही पढ़ाई, बच्चों की सुरक्षा खतरे में, कई जगह से टपक रहा पानी, दीवारों से गिर रहा प्लास्टर

UPT | विद्यालय की जर्जर छत।

Sep 15, 2024 18:48

बाराबंकी जिले के विकासखंड बंकी में स्थित प्राथमिक विद्यालय छेदानगर का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कक्षाओं की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब बच्चों को बरामदे में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।

Barabanki News : बाराबंकी जिले के विकासखंड बंकी में स्थित प्राथमिक विद्यालय छेदानगर का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कक्षाओं की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब बच्चों को बरामदे में बैठाकर पढ़ाया
जा रहा है। हालांकि, बरामदा भी सुरक्षित नहीं है, क्योंकि उसमें से भी जगह-जगह पानी टपक रहा है।

जर्जर भवन में पढ़ाई, हादसे का डर
विद्यालय में 91 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षित वातावरण में शिक्षा नहीं मिल पा रही है। बरामदा और कक्षाओं में पानी टपकने से पढ़ाई बाधित हो रही है, वहीं कक्षाओं की दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है और सीलन का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। विद्यालय की कक्षाएं इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि बच्चों को वहां बैठाना सुरक्षित नहीं है। इस स्थिति में यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। 

बुनियादी सुविधाओं का अभाव
विद्यालय में न केवल भवन की स्थिति खराब है, बल्कि अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है। विद्यालय में लगा समरसेबल कई महीनों से खराब पड़ा है, जिससे शौचालय, रसोईघर और पीने के पानी की सुविधा बाधित हो रही है। पानी पीने के लिए लगी टोटियाँ भी चोरी हो चुकी हैं। इस वजह से बच्चों और स्टाफ को पीने के पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा
है।

प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं
प्रधानाध्यापक लक्ष्मी पांडेय ने विद्यालय की समस्याओं को लेकर कई बार ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, प्रधानाध्यापक ने इस समस्या से खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को भी अवगत कराया है।

खंड शिक्षा अधिकारी बंकी, चंद्रशेखर यादव ने स्वीकार किया कि हेड मास्टर ने उन्हें विद्यालय की जर्जर स्थिति के बारे में सूचित किया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जर्जर कक्षाओं में बच्चों को बैठने से मना कर दिया गया है और जल्द ही समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया गया है। 

बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों खतरे में
विद्यालय की मौजूदा स्थिति न केवल बच्चों की शिक्षा के लिए बाधा उत्पन्न कर रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बनी हुई है। प्रशासन द्वारा शीघ्र कदम न उठाए जाने पर बच्चों और शिक्षकों की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में, जरूरत है कि जल्द से जल्द भवन की मरम्मत की जाए और बच्चों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाए। 

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