रामोत्सव 2024 : आस्ट्रेलिया और थाईलैंड से पहुंची फूलों का खेप, सुगन्धित हुआ वातावरण

Uttar Pradesh Times | फूलों से की गई सजावट

Jan 20, 2024 21:05

हिंदुस्तान ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड सहित कई देश से लगभग एक लाख कुंतल जिनमें कई तरह के फूल शामिल हैं अयोध्या पहुँच चुके हैं। फूलों की सजावट शुरू होते ही सेल्फी लेने वालों की होंड़ मच गई है।

Short Highlights

- फूलों से सज रही रामनगरी में

इत्र की खुशबू की भी होगी धमक

Ayodhya News: प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर राम नगरी अयोध्या को जहां देश विदेश के फूलों से सजाया जा रहा है, वहीं कन्नौज के इत्र की खुशबू से अयोध्या में झीनी भीनी सुगन्ध व्याप्त रहेगी। श्रीराम जन्मभूमि के वीआईपी गेट सहित रामधाम को सजाने के साथ रंग बिरंगे फूलों से महकाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए हिंदुस्तान ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड सहित कई देश से लगभग एक लाख कुंतल जिनमें कई तरह के फूल शामिल हैं अयोध्या पहुँच चुके हैं। फूलों की सजावट शुरू होते ही सेल्फी लेने वालों की होंड़ मच गई है। इसी के साथ कन्नौज से आए इत्र को भी पूरे नगर में छिड़का जाएगा। जिससे अयोध्या की सड़कें खुशबू से महक उठेगी। जिन स्थानों पर सजावट हो रही है वहां सेल्फी लेने वालों की होड़ मची है। प्राणप्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होना है चारों तरफ रंग- बिरंगी लाइट सहित अन्य व्यवस्थाओं से क्षेत्र की सजावट की जा रही है। इसी के साथ प्राकृतिक खुशबू बिखेरने की तैयारी की गई है। राम जन्मभूमि परिसर सहित पूरे राम धाम को सजाने के लिए देश और विदेश से करीब एक लाख कुंतल के कई नस्ल के फूल अयोध्या पहुंचे हैं। 

1000 कारीगर दूसरे प्रदेशों से आकर दिखा रहे प्रतिभा
अयोध्या को फूलों से सजाने के लिए बाहर से भी कारीगर लगाए गए हैं। कोलकाता, दिल्ली, कानपुर, बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मध्यप्रदेश सहित ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड सहित कई देश से  कई प्रजातियों के फूल, जैसे कोनिया, एरिका पान, रजनीगंधा, कनेर, मनोकोमली, टाटा रोज, चाइना पत्ती, सन ऑफ इंडिया, जरबेरा, विक्टोरिया और कई रंग के गुलाब सहित फूलों की तमाम किस्में शामिल हैं। इन फूलों की सजावट के लिए मथुरा, वृंदावन, सीतापुर, पश्चिम बंगाल से करीब 1000 से अधिक कारीगर भी बुलाये गए हैं ।जो फूलों की सजावट कर रहे हैं। श्रीराम मंदिर के वीआईपी गेट के पास प्रभू राम के बालक स्वरूप छवि को भी फूलों से उकेरा गया है, तो वहीं -
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥ जैसे श्लोक खुद बखूद अपनी ओर लोंगो को आकर्षित कर रहे हैं।
 

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