Ayodhya News : केरल में आध्यात्मिक सांस्कृतिक जनजागरण, इसके लिए अयोध्या से ले जाई गई रामदीप ज्योति

UPT | रामदीप ज्योति

Jul 09, 2024 21:23

करेल राज्य में इन दिनों सावन की तरह पावन माने जाने वाले करकटा मास में पूरे महीने राम दीप ज्योति जलेगी और आध्यात्मिक सांस्कृतिक जनजागरण चलेगा...

Short Highlights

*सावन की तरह वहां करकटा मास में चलेगी 41दिनी साधना*

*आदिवासी इलाकों में भी जनजागरण को जाएगी ज्योति

Ayodhya News : पवित्र सावन माह की ही तरह करेल राज्य में इन दिनों सावन की तरह पावन माने जाने वाले करकटा मास में पूरे महीने राम दीप ज्योति जलेगी और आध्यात्मिक सांस्कृतिक जनजागरण चलेगा। ज्योति को कई स्थानों पर ले जाया जाएगा, जिसमें आदिवासी इलाके भी सम्मिलित हैं। 


कार्यक्रम के समन्वयक श्रीउन्नी मंगलवार प्रातः श्रीराम लला की आरती से प्रज्वलित ज्योति लेकर सड़क मार्ग से केरल के लिए प्रस्थान कर गए। इस कार्यक्रम की रूपरेखा मई माह में ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय से भेंट कर अमृदंगमया  चेरिटेबल ट्रस्ट पालाकाट, केरल के पदाधिकारियों ने तैयार कर ली थी। केरल के उक्त ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी कृष्णात्मानंद सरस्वती अर्शतीर्थम दयानंद आश्रम पालाकाट हैं। श्रीराम भक्त मंडली जानकीकंत स्मरणम केरल स्प्रिचुअल एंड कल्चरल फेस्टिवल के समन्वयक ब्रह्मचारी श्रीउन्नी श्रीमत्देवानंद पुरी के शिष्य हैं।

महत्वपूर्ण मंदिरों और गांवों में भी पहुंचाई जाएगी रामदीप ज्योति
समन्वयक ब्रह्मचारी श्रीउन्नी  बताते हैं कि रामदीप ज्योति को पालाकाट, अटप्पाटी, वायनाड और त्रिशूर के सभी महत्वपूर्ण मंदिरों के साथ साथ सैकड़ों गांवों तक पहुंचाया जाएगा। श्रीउन्नी के अनुसार 41 दिनों की साधना के लिए श्रद्धालु ज्योति से ज्योति जलाकर अपने घर ले जाएंगे और 41 दिनों की श्रीराम अष्टोतरसद्नामावली के साथ रोज सुबह निश्चित समय पर सभी एक घंटे मंत्रोच्चारण करेंगे।विदित हो कि उत्तर भारत में सावन की तरह केरल में देवोपासना का महीना करकटा मास (इस बार 16 जुलाई से17 अगस्त) कहलाता है। इसी पवित्र माह को ध्यान में रख कर ही सारा कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस बाबत जानकारी देते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केन्द्र अयोध्या धाम की ओर से बताया गया कि रामदीप ज्योति के माध्यम से सांस्कृतिक व आध्यात्मिक पुनर्जागरण को नई दिशा मिलेगी। यह सनातन व हिंदुत्व के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

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