रामनगरी में होगी कर्मकांड की पढ़ाई : काशी के अलावा अब अयोध्या में भी मिलेगी इसकी शिक्षा, 1 साल का होगा कोर्स

UPT | अयोध्या में भी कर्मकांड की शिक्षा

Jul 08, 2024 14:36

अब आपको कर्मकांड की पढ़ाई के लिए काशी जाने की जरूरत नहीं है। अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने अपनी नई पहल के तहत आने वाले सत्र 2024-25 से कर्मकांड को...

Ayodhya News : अब आपको कर्मकांड की पढ़ाई के लिए काशी जाने की जरूरत नहीं है। अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने अपनी नई पहल के तहत आने वाले सत्र 2024-25 से कर्मकांड को शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके तहत विश्वविद्यालय के खेल विभाग ने नए पाठ्यक्रम के लिए विशेष प्रारूप तैयार किया है। जिसे विश्वविद्यालय कार्य परिषद की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है।

2024-25 सत्र से शुरू होगी पढ़ाई
अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में कर्मकांड पढ़ाई के लिए एक नई मान्यता मिली है। 5 जुलाई को विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक में कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव पर अंतिम मोहर भी लग गई है। अनुमान है कि आगामी सत्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कोर्स में 12वीं पास अभ्यर्थी बिना किसी भी पूर्व अनुभव के कर्मकांड की पढ़ाई कर सकेंगे। कर्मकांड कोर्स की कुल 30 सीटें होंगी, जिन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर कक्षाएं चलाई जाएंगी। यह पाठ्यक्रम हिंदी और संस्कृति दोनों भाषाओं में पढ़ाया जाएगा, जिससे छात्रों को संस्कृति और परंपराओं के प्रति गहरी समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।


दो सेमेस्टर में होंगे 10 पेपर
अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने कर्मकांड के नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। इस पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष होगी, जिसमें दो सेमेस्टर और 10 पेपर होंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में पांच पेपर होंगे, जिनमें चार लिखित पेपर और एक प्रयोगात्मक पेपर शामिल होंगा। यह पाठ्यक्रम हिंदी और संस्कृत भाषा में अनुप्रयोगित होगा। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को कर्मकांड के विभिन्न पहलुओं, पद्धतियों और अनुष्ठानों का गहरा अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

विदेशों में मिल सकती नौकरी
अयोध्या में कर्मकांड की पढ़ाई से बच्चों को देश के साथ-साथ विदेशों में भी नौकरी के कई अवसर मिलेंगे। सैन्य विभाग में धर्म गुरु की नियुक्ति भी संभव है। जो इस शिक्षा के अनुभवी होने के कारण उपयुक्त मानी जाएगी। इसके अलावा अयोध्या के मठ और मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति का अवसर भी हो सकता है। हाल ही में राम जन्मभूमि परिषद ने एक पुजारी की नियुक्ति की थी, जिसमें कर्मकांड के क्षेत्र में विशेष ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता थी। इसे देखते हुए अब अयोध्या में ऐसे अनेक नौकरी के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं, जो कर्मकांड में विशेषज्ञता और आध्यात्मिक ज्ञान का उपयोग करते हुए अद्वितीय हो सकते हैं।

Also Read