Ballia News : कटर परियोजना शासन से रिजेक्ट, 30,000 परिवारों के आशियानों पर खतरा

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jun 02, 2024 22:02

उत्तरी दियरांचल के शिवाल और गोपालनगर को बचाने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर माह में सिंचाई विभाग की ओर से "कटर परियोजना" के अंतर्गत...

Ballia News : उत्तरी दियरांचल के शिवाल और गोपालनगर को बचाने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर माह में सिंचाई विभाग की ओर से "कटर परियोजना" के अंतर्गत काटनरोधी कार्य करने के लिए इस्टीमेट शासन के सामने पेश किया गया था। करीब एक किमी की दूरी में 9 करोड़ 44 लाख 51 हजार की लागत से काटनरोधी कार्य होने थे, लेकिन परियोजना को शासन से रिजेक्ट कर दिया गया।

30,000 परिवारों का आशियाना खतरे में
अब भी गोपालनगर टाड़ी में हो रहे कटान से लोग दहशत में हैं। गांव को बचाने के लिए रिंग बांध बनाने की जरूरत पड़ सकती है। 30,000 परिवारों का आशियाना खतरे में है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता के मुताबिक गोपालनगर में कटर परियोजना अंतर्गत करीब एक किमी की दूरी में 120 मीटर का 50-50 मीटर की दूरी के अंतराल में स्टोन बोल्डर से ठोकरनुमा बनना था।

पार्कोपाइन विधि से कटान रोकने की थी योजना 
कटर योजना को अक्टूबर माह में सिंचाई विभाग व शासन की बैठक में पेश किया गया था। जिसके बाद शासन द्वारा उसे रिजेक्ट कर दिया गया। सिंचाई विभाग के विशेषज्ञों की राय है कि गोपालनगर व शिवाल में सरयू नदी में जहां कटानरोधी कार्य हो रहा था, उस स्थान पर सरयू नदी सी आकार बनाते हुए पीछे से काट रही थी। ऐसे में वहां छोटी परियोजना कारगर नहीं हो सकती। शिवाल गांव व गोपाल नगर के साथ ही वशिष्ठनगर को बचाने के लिए करीब ढाई किलोमीटर लंबी परियोजना बनाकर काटनरोधी कार्य कराना पड़ेगा या फिर उस गांव को बचाने के लिए रिंग बांध बनाने की जरूरत पड़ सकती है। तब जाकर उस गांवों को बचाया जा सकता है।

अब तक 100 से अधिक लोगों के मकान डूबे
गौरतलब है कि अब तक सरयू नदी ने गोपालनगर टाड़ी में 100 से अधिक लोगों के रिहायशी मकानों को निगल लिया है। शिवाल में भी दर्जनों लोगों का रिहायशी मकान कटान के जद में है। यहीं नहीं गोपालनगर पुलिस चौकी व वशिष्ठ नगर में भी सरयू की कटान आंखें तरेर रही है। ऐसे में समय रहते अगर कटान रोकने की बड़ी परियोजना नहीं लाई गई, तो गोपालनगर, वशिष्ठ नगर, मानगढ़ व शिवाल गांव के 30 हजार परिवारों का आशियानों को सरयू नदी निगल सकती है।

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