Kidney Racket : किडनी गिरोह में आजमगढ़ का शारिक शामिल, अवैध कार्य की रखता पूरी जानकारी

UPT | किडनी गिरोह में आजमगढ़ का शारिक

Jul 11, 2024 15:21

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक अंतरराष्ट्रीय किडनी गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो भारत और बांग्लादेश में सक्रिय था। इस गिरोह के सात सदस्यों में चार बांग्लादेशी...

Azamgarh News : दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक अंतरराष्ट्रीय किडनी गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो भारत और बांग्लादेश में सक्रिय था। इस गिरोह के सात सदस्यों में चार बांग्लादेशी नागरिक भी हैं। इस गिरोह में आजमगढ़ के रहने वाले मोहम्मद शारिक भी शामिल है। यह गिरोह अवैध तरीके से किडनी ऑपरेशन का काम करता था। जिसमें वे गरीब लोगों से धनराशि मांगते और उन्हें नकली किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के जरिए उनकी असली किडनी को निकालकर बेचते थे। दिल्ली पुलिस ने एक ऑपरेशन के तहत महिला डॉक्टर डॉ. डी. विजया राजकुमारी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके दौरान पुलिस ने बताया कि डॉ. डी. विजया राजकुमारी के निजी सहायक विक्रम सिंह रोगियों की फाइलें तैयार करने में शामिल थे। विक्रम सिंह रोगियों और डोनरों के हलफनामे तैयार करता था।

प्रति मरीज से लेता था 20,000 रुपये
दिल्ली पुलिस ने एक चिकित्सा धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश किया। जिसमें पुलिस ने विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया है, जो आरोपियो से प्रति मरीज 20,000 रुपये लेता था। अभियुक्तों में से एक रसेल ने अपने सहयोगी के रूप में मोहम्मद शारिक का नाम भी बताया है। मोहम्मद शारिक डॉ. डी. विजया राजकुमारी से मरीजों का अपॉइंटमेंट लेता था और उन्हें पैथालॉजिकल टेस्ट करवाता था। उनका संपर्क भी डॉक्टर की टीम से होता था। मोहम्मद शारिक ने प्रति मरीज 50,000 से 60,000 रुपये लेता था।

दिल्ली में पैथालॉजी चलाता शारिक
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने विक्रम सिंह और मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों रसेल अहमद, विक्रम सिंह और शारिक ने बताया कि डॉ. डी. विजया राजकुमारी को जाली कागजात के जरिए किए जा रहे प्रत्येक अवैध कार्य के बारे में पूरी जानकारी थी। दिल्ली पुलिस 23 जून को मो. शारिक की तलाश में आजमगढ़ आई थी। लेकिन, वह हाथ नहीं लगा। मोहम्मद शारिक पुत्र कलीम बीएससी मेडिकल लैब टेक्नीशियन का कोर्स किया है। इसके अलावा वह दिल्ली में पैथालॉजी का संचालन करता है।

क्या बोले पुलिस अधिकारी
एएसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस 23 जून को आजमगढ़ आई थी। दिल्ली पुलिस ने बिलरियागंज थाना पुलिस की मदद से मोहम्मद शारिक के घर गई लेकिन घर पर वह नहीं मिला। इसके बाद शारिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। शारिक दिल्ली में पैथालॉजी चलाता था।

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