भाजपा नेताओं के बीच मारपीट का मामला : एक ने षड्यंत्र का आरोप लगाया, दूसरे ने सीएम को गाली देने का किया विरोध

UPT | भाजपा

Sep 26, 2024 16:27

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं के बीच मारपीट का मामला सामने आया था। भाजपा नेता उदय कुमार पांडे और भाजपा विधायक के बहनोई राजेश कुमार पांडे के बीच विवाद हुआ था।

Gonda News : गोंडा जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं के बीच मारपीट का मामला सामने आया था, जिसने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी थी। भाजपा नेता उदय कुमार पांडे और भाजपा विधायक के बहनोई राजेश कुमार पांडे के बीच हुए विवाद को लेकर अब नए तथ्य और आरोप सामने आ रहे हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब दोनों नेताओं के बीच हुई कहासुनी बढ़कर हाथापाई में तब्दील हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मामला अब पुलिस के जांच के दायरे में है।

उदय कुमार पांडे का आरोप
भाजपा नेता उदय कुमार पांडे ने पूरे मामले को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कहा कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने की साजिश रची जा रही है। उनका कहना है कि वह मेहनौन विधानसभा से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और इसी वजह से उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उदय पांडे ने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उनकी दी गई तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि घटना के समय वह अपने साथियों के साथ टॉमसन कॉलेज चौराहे पर चाय पी रहे थे, तभी राजेश पांडे वहां आए और उनसे चुनाव लड़ने की बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई।
उदय कुमार पांडे ने अपनी सफाई में कहा कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ का सम्मान करते हैं और उन पर गाली देने का आरोप पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा, "मैं भाजपा का एक सक्रिय कार्यकर्ता हूं और मेहनौन विधानसभा से चुनाव की तैयारी कर रहा हूं। रविवार रात को हम सदस्यता अभियान कार्यक्रम से लौटे थे और चौराहे पर चाय पी रहे थे, तभी राजेश पांडे ने मुझसे कहा कि तुम मेरे रिश्तेदार के सामने चुनाव की तैयारी कर रहे हो। जब मैंने कहा कि मुझे भी चुनाव लड़ने का हक है, तो उन्होंने मुझसे गाली-गलौज करनी शुरू कर दी।"

राजेश कुमार पांडे का आरोप
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा विधायक के बहनोई राजेश कुमार पांडे ने उदय पांडे और उनके साथियों पर मारपीट और जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। राजेश पांडे का कहना है कि घटना के समय वह अपने पिता के लिए फल खरीदने गए थे, तभी उन्होंने देखा कि उदय पांडे और उनके साथी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गाली दे रहे थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनके साथ मारपीट शुरू हो गई। मैंने कहा कि मेरी माता भाजपा से जिला पंचायत सदस्य हैं और आप सीएम को गाली नहीं दे सकते। इस पर उदय पांडे के गनर ने मुझे बंदूक से मारा और बाकी लोग भी मुझ पर टूट पड़े। उन्होंने मेरी हत्या करने की नीयत से अपनी गाड़ी भी मुझ पर चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन मैं किसी तरह से बच गया।"

विवाद का असल कारण
इस मामले को लेकर राजेश पांडे ने पहले नाला निर्माण को लेकर विवाद की बात कही थी, लेकिन अब उनका कहना है कि विवाद सीएम योगी आदित्यनाथ को गाली देने के कारण हुआ। इस बयान से मामला और उलझता दिख रहा है। उधर, उदय पांडे का कहना है कि यह पूरी तरह से एक राजनीतिक षड्यंत्र है, जिसमें उन्हें जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि वह वीडियो फुटेज में कहीं भी मारपीट करते हुए नहीं दिख रहे, जबकि राजेश पांडे उनके साथ गाली-गलौज कर रहे हैं।

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सभी पहलुओं की हो रही है जांच
इस पूरे विवाद के बाद गोंडा जिले की नगर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वह सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है। रविवार देर रात पुलिस ने राजेश पांडे की शिकायत पर उदय पांडे समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी, मनोज कुमार रावत ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 22 सितंबर 2024 को रात करीब 10:00 बजे टॉमसन चौराहे पर दोनों भाजपा नेताओं के बीच विवाद हुआ था। घटना के बाद पुलिस ने पीड़ित का मेडिकल कराया और सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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