गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की हड़ताल : कोलकाता हत्याकांड के खिलाफ प्रदर्शन, निकाला कैंडल मार्च, एम्स में ऑपरेशन स्थगित

UPT | गोरखपुर में डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन।

Aug 17, 2024 21:23

गोरखपुर के एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ शुक्रवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही।

Gorakhpur News : गोरखपुर के एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ शुक्रवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। इस हड़ताल के कारण 4000 से अधिक मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने पर्चा काउंटर पर ताले लगाकर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि एम्स के डॉक्टरों ने ओपीडी में काम करने से इनकार कर दिया। इस वजह से सीनियर डॉक्टरों को मोर्चा संभालना पड़ा, लेकिन फिर भी केवल पहले से ऑनलाइन पंजीकृत मरीजों का ही इलाज हो सका। 

एम्स में ऑपरेशन स्थगित, मरीजों की परेशानी बढ़ी
एम्स में हड़ताल के कारण ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं। एमबीबीएस छात्र, सीनियर रेजिडेंट्स और इंटर्न डॉक्टरों ने सुबह 9 बजे से ओपीडी के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे मरीजों के लिए ओपीडी में प्रवेश करना मुश्किल हो गया। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण केवल 1124 ऑनलाइन पंजीकृत मरीज ही डॉक्टर से मिल पाए। कुल 50 ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए, जिससे मरीजों को नई तारीखों का इंतजार करना पड़ेगा। हड़ताल के चलते ओपीडी सेवाएं प्रभावित होने के कारण करीब 1500 मरीज बिना इलाज के लौटने पर मजबूर हो गए। इमरजेंसी सेवाएं भी पूरी तरह से अव्यवस्थित रहीं, जिससे कई मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ा।



2500 से अधिक मरीज बिना इलाज लौटे
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी हड़ताल का असर गंभीर रहा। जूनियर डॉक्टरों ने सभी विभागों की ओपीडी बंद कर दी, जिससे सुबह 7 से 9 बजे के बीच जिन मरीजों ने पर्ची कटवाई थी, केवल उन्हीं का इलाज हो सका। प्राचार्य राजकुमार जायसवाल के अनुरोध के बावजूद डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त करने से इनकार कर दिया, जिससे लगभग 2500 मरीज बिना इलाज के लौट गए। सुबह 9 बजे से जूनियर डॉक्टरों ने नेहरू चिकित्सालय के पर्चा काउंटर को बंद कर दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्राचार्य ने डॉक्टरों से अपील की कि वे अपनी हड़ताल समाप्त कर मरीजों का इलाज शुरू करें, लेकिन डॉक्टर हड़ताल जारी रखने पर अड़े रहे और मरीजों को अस्पताल से वापस भेजते रहे।

डॉक्टरों का कैंडल मार्च
शाम 5 बजे एम्स के एमबीबीएस छात्र, सीनियर रेजिडेंट्स और इंटर्न डॉक्टरों ने मोहद्दीपुर तक कैंडल मार्च निकालकर कोलकाता की घटना का विरोध किया। इस मार्च में एम्स के विभिन्न विभागों के डॉक्टर शामिल हुए और न्याय की मांग की। डॉक्टरों ने 'सेव द सेवियर' और 'वी वांट जस्टिस' जैसे नारों के साथ दोषियों के लिए फांसी की मांग की।

आईएमए का समर्थन और कैंडल मार्च
आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया और संपूर्ण भारत में कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। गोरखपुर में भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के नेतृत्व में जेसीआई, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, इंडियन डेंटल एसोसिएशन, इंडियन फिजियोथेरेपी एसोसिएशन और पैरामेडिकल एसोसिएशन समेत कई संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। सीतापुर आई हॉस्पिटल से चेतना तिराहे तक निकाले गए कैंडल मार्च में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव, चिकित्सा प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक डॉक्टर वाई सिंह, महानगर संयोजक डॉ. अमित सिंह, डॉ. अमित पांडे, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे। 

डॉक्टरों की मांगें
एम्स और बीआरडी के डॉक्टरों ने अपने प्रदर्शन के दौरान बताया कि वे केवल कोलकाता की घटना के दोषियों को सजा दिलाने की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाओं की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने 24 घंटे की ड्यूटी के दौरान आराम के लिए सुरक्षित स्थान और महिला डॉक्टरों के लिए सम्मान और सुरक्षा की भी मांग की है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।

Also Read