मंत्री के सामने भाजपा जिलाध्यक्ष और सीएमओ में तीखी बहस : भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, मंत्री ने दी अधिकारियों को चेतावनी

UPT | मंत्री के सामने भाजपा जिलाध्यक्ष और सीएमओ में तीखी बहस।

Sep 07, 2024 00:04

औरैया जिले में प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद के सामने भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता और सीएमओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा के बीच तीखी बहस हो गई। यह घटना तब हुई जब जिलाध्यक्ष ने सीएमओ ऑफिस में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।

Auraiya News : उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद के सामने भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता और सीएमओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा के बीच तीखी बहस हो गई। यह घटना तब हुई जब जिलाध्यक्ष ने सीएमओ ऑफिस में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, खासतौर पर हेल्थ सर्टिफिकेट और विकलांग सर्टिफिकेट से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।

हेल्थ सर्टिफिकेट और भ्रष्टाचार का मुद्दा
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पहले हेल्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए सिर्फ 200 रुपये का शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 2000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी 5000 रुपये की मांग की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के बाबू युवाओं से मनमानी रकम वसूल रहे हैं, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इस मुद्दे पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता को भी उजागर किया।

सीएमओ ने किया आरोपों का खंडन
जिलाध्यक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर सीएमओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह आरोप निराधार हैं। इस पर दोनों के बीच बहस तेज हो गई, जिसके बाद प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने दोनों पक्षों को शांत करते हुए मामले की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया और कहा कि किसी भी भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को दी चेतावनी
मंत्री डॉ. संजय निषाद ने बैठक के दौरान डीएम से कहा कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त नजर रखी जाए जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अधिकारी अपने कामकाज में सुधार नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी दोहराया कि यदि अधिकारियों का रवैया नहीं बदला, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की जाएगी और मामले को उच्च स्तर तक पहुंचाया जाएगा।

जनता की नाराजगी और समाधान की मांग
भ्रष्टाचार के इन गंभीर आरोपों के चलते स्थानीय जनता में भी नाराजगी देखी जा रही है। लोग चाहते हैं कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं में पारदर्शिता हो और उन्हें भ्रष्टाचार से मुक्ति मिले। 

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