एक्सपायरी दवाओं को पीसकर बनाए जाते थे रंग-बिरंगे कैप्सूल : मेडिकल स्टोरों में होती थी सप्लाई, 10 साल से चल रहा था मौत का कारोबार

UPT | जांच करती टीम

Dec 04, 2024 19:01

इटावा में एक नकली दवा फैक्टरी पकड़ी गई। जिसमें एक्सपायरी दवाओं को पीसकर रंग-बिरंगे कैप्सूल बनाए जाते थे। इनकी सप्लाई आसपास के जिलों के मेडिकल स्टोरों में की जाती थी। जिससे फैक्टरी संचालक बड़ा मुनाफा कमाते थे। बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध दवा फैक्टरी चल रही थी।

Short Highlights
  • अवैध दवा फैक्टरी में एक्सपायरी दवाओं को पीसकर रंग-बिरंगे कैप्सूल बनाए जाते थे
  • 90 हजार खाली कैप्सूल और 1186 खाली शीशियां बरामद हुई हैं
  • बीते 10 वर्षों से बिना पंजीकरण के अवैध दवा फैक्टरी चल रही थी
Etawah News : यूपी के इटावा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। नकली दवा फैक्टरी में बीते दस साल से जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर मौत का सामान तैयार किया जा रहा था। कन्नौज में बीते दस साल से बिना पंजीकरण के अवैध दवा फैक्टरी चल रही थी। जिसमें एक्सपायर्ड दवाओं को पीसकर उनके रंग-बिरंगे कैप्सूल बनाए जाते थे। इसके बाद दवाओं को इटावा के आलावा कन्नौज, मैनपुरी, एटा समेत आसपास के जिलों के चुनिंदा मेडिकल स्टोरों तक पहुंचाया जाता था। फैक्टरी में जब छापेमारी की गई, तो मुनाफाखोरों की करतूत का खुलासा हुआ।

औषधि विभाग की टीम ने 90 हजार खाली कैप्सूल व आयुर्वेदिक की 1,186 खाली शीशियां लेवल बरामद किया है। औषधि निरीक्षक ने 09 बोरे के करीब छह साल का माल सीजकर लखनऊ को जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद न्यायलय में वाद दाखिल किया जाएगा। औषधि निरीक्षक रजत पांडेय ने बताया कि सराय शेख में गुप्ता फार्मा एंड कंपनी व उसके बेटे के नाम से प्रतीक इंडस्ट्रीज से अवैध दवा बनाने का व्यापार चल रहा था।

39 प्रकार की एलोपैथिक दावाएं मिली हैं 
उन्होंने बताया कि छापे के दौरान 39 प्रकार की एलोपैथिक दावाएं मिली हैं। यह दावाएं फरवरी और अप्रैल में एक्सपायरी हो चुकी थीं। फैक्टरी में मिक्सर, ग्राइंडर, फ़नल, छोटी चम्मच समेत रंग-बिरंगे 90 हजार कैप्सूल मिले हैं। पूछताछ में राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि मिक्सर, ग्राइंडर एक्सपायर्ड दवाओं को पीसकर रंग-बिरंगे कैप्सूल में भरकर इटावा समेत आसपास के जिलों में सप्लाई करते थे।

09 बोरे दवा बरामद 
औषधि निरीक्षक रजत पांडेय के मुताबिक औरैया, मैनपुरी, कन्नौज, एटा, कानपुर देहात समेत आसपास के जिलों में इन मिश्रित दवाओं को सप्लाई किए जाने का अनुमान है, ऐसे कुछ बिल भी फैक्टरी से बरामद हुए हैं। जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। अवैध फैक्टरी से 09 बोरे दवा बरामद की गई है। इनकी कीमत लगभग छह लाख रूपए है।

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