भोले बाबा की भूमिका पर एसआईटी की खामोशी क्यों? मायावती बोलीं- राजनीति से प्रेरित है रिपोर्ट

UPT | mayawati

Jul 10, 2024 11:51

मायावती ने कहा कि हाथरस सत्संग भगदड़ कांड में एसआईटी की सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है। यह अति-दुःखद है। 

Short Highlights
  • कहा- बाबा के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देनका चर्चा का विषय
  • लोगों से अंधविश्वास और पाखंडवाद के बहकावे में नहीं आने की कर चुकी हैं अपील
Lucknow News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस सत्संग कांड में एसआईटी रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। हाथरस में बीती 2 जुलाई को साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ की जांच करने वाली एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में बाबा का जिक्र तक नहीं किया है। आयोजन करने वालों से लेकर स्थानीय अफसरों की उदासीनता पर भी सवाल उठाए गए हैं। इसके बाद एसडीएम, सीओ और एसएचओ समेत छह अफसरों की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

सरकारी लापरवाही का बतया जीता-जागता प्रमाण 
मायावती ने इसे लेकर बुधवार को कहा कि यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं और बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है। लेकिन, एसआईटी की सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है। यह अति-दुःखद है। 

ऐसी घटनाओं की नहीं हो पुनरावृत्ति
उन्होंने कहा कि इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है। इसके साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो।

भोले बाबा जैसे बाबाओं के अंधविश्वास में अपनी पीड़ा नहीं बढ़ाएं
मायावती ने इससे पहले कहा था कि देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेक और बाबाओं के अंधविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए, यही सलाह है। बल्कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे काण्डों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिन्ताजनक है। उन्होंने कहा कि हाथरस कांड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गंवानी पडे़। 

300 पन्नों की रिपोर्ट सैकड़ों लोगों से बयान पर आधारित
हाथरस के ​इस चर्चित प्रकरण में गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में 125 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल हैं। इसके अलावा सत्संग में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं। एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया है। एसआईटी ने कहा है कि घटना में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। मामले में गहन जांच जरूरी है।
 

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