वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 7624 गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें 12 लाख से अधिक गोवंश हैं। इतनी बड़ी संख्या में पशुओं की देखभाल के लिए हरे चारे की भारी कमी महसूस की जा रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए नए-नए स्थानों पर चारा उत्पादन करने की योजना बनाई जा रही है।