यूपी में शत्रु संपत्तियों को लेकर योगी सरकार का खास प्लान : इस काम में किया जाएगा इस्तेमाल, दूर होगी चारे की समस्या

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Oct 23, 2024 10:37

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 7624 गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें 12 लाख से अधिक गोवंश हैं। इतनी बड़ी संख्या में पशुओं की देखभाल के लिए हरे चारे की भारी कमी महसूस की जा रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए नए-नए स्थानों पर चारा उत्पादन करने की योजना बनाई जा रही है।

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने पशु संरक्षण और चारे की बढ़ती समस्या को हल करने के लिए शत्रु संपत्तियों का उपयोग करने की योजना बनाई है। इस दिशा में, प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन संपत्तियों का विस्तृत ब्यौरा मांगा है। शत्रु संपत्तियों का उपयोग करके हरे चारे का उत्पादन और पशु संरक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना है, ताकि राज्य के गोवंश और अन्य पशुओं के लिए पर्याप्त चारा और संरक्षण सुविधाएं उपलब्ध हो सके।

राज्य सरकार उठाएगी विकास की जिम्मेदारी
इस योजना के तहत शत्रु संपत्ति की जमीन केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी, जबकि इन जमीनों पर जरूरी सुविधाओं का विकास करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। इन संपत्तियों पर चारा उत्पादन केंद्रों के साथ-साथ आधुनिक पशु संरक्षण केंद्र और कृत्रिम गर्भाधान व शोध केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। यह कदम देसी गायों और अन्य पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए उठाया गया है।



हरे चारे की कमी से निपटने का समाधान
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 7624 गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें 12 लाख से अधिक गोवंश हैं। इतनी बड़ी संख्या में पशुओं की देखभाल के लिए हरे चारे की भारी कमी महसूस की जा रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए नए-नए स्थानों पर चारा उत्पादन करने की योजना बनाई जा रही है। शत्रु संपत्तियों पर हरे चारे के साथ ही पशु शोध केंद्र स्थापित कर पशुधन की देखभाल में सुधार किया जाएगा।

शत्रु संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाकर होगा विकास
बताया जा रहा है कि जिन शत्रु संपत्तियों पर अतिक्रमण है, उन्हें खाली कराकर उपयोग में लाया जाएगा। इन संपत्तियों पर बने केंद्र पूरी तरह से आधुनिकतम तकनीकों पर आधारित होंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य न केवल पशु संरक्षण और चारा उत्पादन करना होगा, बल्कि पशुधन से संबंधित शोध और विकास को भी बढ़ावा देना होगा।

क्या है शत्रु संपत्ति?
शत्रु संपत्तियां वे संपत्तियां हैं, जिन्हें भारत-पाकिस्तान विभाजन और दोनों देशों के बीच हुए युद्ध के बाद, पाकिस्तान जाने वाले लोगों ने भारत में छोड़ दिया था। भारतीय सरकार ने इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेकर इन्हें शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया। इसी तरह 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद चीन में बसने वाले भारतीयों की संपत्तियों को भी शत्रु संपत्ति घोषित किया गया। वर्ष 2017 में शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के बाद, इन सभी संपत्तियों को केंद्र सरकार के अधीन कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश में 6000 से अधिक शत्रु संपत्तियां
देश में सबसे ज्यादा शत्रु संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं, जिनकी संख्या लगभग 6017 है। इन संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग करके प्रदेश में पशुओं के लिए चारा और अन्य आवश्यक संसाधनों की कमी को दूर किया जा सकेगा।

आधुनिक पशु संरक्षण केंद्र की स्थापना
उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक ने कहा कि शत्रु संपत्तियों पर चारा उत्पादन और पशु संरक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों में हरे चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और साथ ही पशुओं से संबंधित शोध केंद्र भी विकसित किए जाएंगे।

Also Read