अभ्युदय योजना : गरीब छात्रों के सपनों को लगे पंख, सैकड़ों अभ्यर्थी बने अफसर

UPT | मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत निःशुल्क कोचिंग की सुविधा।

Oct 21, 2024 18:10

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत निःशुल्क कोचिंग की सुविधा का लाभ उठाकर अब तक 46 अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा पास कर अफसर बन चुके हैं। इसके साथ ही 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल कर अधिकारी बने हैं। यू

Lucknow News : मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत निःशुल्क कोचिंग की सुविधा का लाभ उठाकर अब तक 46 अभ्यर्थी लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर अफसर बन चुके हैं। इसके साथ ही 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल कर अधिकारी बने हैं। यूपी के 75 जिलों में 156 केंद्रों में 82,209 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें लगभग 700 अभ्यर्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो चुके हैं।

अभ्युदय सचिवालय से योजना की निगरानी
राज्य के 75 जनपदों में करीब 156 केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ में अलग से अभ्युदय सचिवालय स्थापित किया गया है। जहां से प्रतिदिन इन सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन की पूरी व्यवस्था की देखरेख की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा 11 केंद्र लखनऊ में हैं। जबकि कौशांबी में 6, गोरखपुर में 5, वाराणसी और बहराइच में 4 केंद्रों हैं। अभ्युदय योजना के सह प्रभारी पवन कुमार यादव ने बताया कि योजना के माध्यम से अब तक 82,209 से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। वर्ष 2021 से अबतक साल दर साल इसमें छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।



साल दर साल आंकड़े
  • 2021-22 में 6,000 अभ्यर्थी
  • 2022-23 में 25,380 अभ्यर्थी
  • 2023-24 में 27,634 अभ्यर्थी
  • 2024-25 में 23,195 अभ्यर्थी (नामांकन प्रक्रिया जारी)

अभ्युदय योजना का उद्देश्य
समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि अभ्युदय योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के उन छात्रों को लाभान्वित करना है, जो आर्थिक तंगी के कारण महंगी कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत, छात्रों को सिविल सेवा (IAS, IPS, IRS), प्रांतीय सिविल सेवा ( PCS), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE), राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET), राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) जैसी विभिन्न प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है। 

जनपद में ही कोचिंग की सुविधा
इस पहल का एक मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक बाधाओं के कारण अपने सपनों को छोड़ने पर मजबूर न हो। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को उनके स्वयं के जिले में ही कोचिंग की सुविधा दी जाती है, जिससे उन्हें अपने घर से दूर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह सुविधा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो ग्रामीण या सुदूर क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके लिए बड़े शहरों में जाकर महंगी कोचिंग लेना संभव नहीं होता। इस योजना में विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाले सिलेबस, प्रश्न बैंक, और डिजिटल सामग्री प्रदान की जाती है ताकि वे अपनी तैयारी को बेहतर ढंग से कर सकें। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर ऑफलाइन कक्षाओं की भी व्यवस्था की जाती है, जहां शिक्षक छात्रों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।

2024-25 में पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या
  • यूपीएससी, यूपीपीसीएस: 10,510 अभ्यर्थी
  • नीट: 5,778 अभ्यर्थी
  • जेईई: 2,033 अभ्यर्थी
  • एनडीए,सीडीएस: 816 अभ्यर्थी
  • अन्य कोर्स: 4,060 अभ्यर्थी

गरीब अभ्यर्थियों के सपनों को पंख
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना गरीब अभ्यर्थियों के सपनों को पंख दे रही है। इस योजना का लाभ लेकर महज दो वर्षों में 46 से अधिक अभ्यर्थी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर आज अफसर बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं तीन वर्षों में 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है। इसके अलावा 55 अभ्यर्थी लेखपाल की परीक्षा में सफल होकर राज्य सरकार के अंतर्गत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं 2024 में मेडिकल की नीट परीक्षा में 86 और जेईई में 35 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है।

1783 शिक्षक इम्पैनल्ड
प्रदेश के सभी केंद्रों पर प्रशिक्षण के लिए 1783 शिक्षकों को इम्पैनल्ड किया गया है। जो विद्यार्थियों को उनके विषय के अनुसार बेहतर प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी भी इन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करते हैं। योजना का उद्देश्य राज्य के विद्यार्थियों को केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल बनाना ही नहीं है, बल्कि उन्हें एक सक्षम और आत्मनिर्भर नागरिक बनाना भी है। यह योजना छात्रों को न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रही है, बल्कि उन्हें निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त करने के लिए भी सक्षम बना रही है।

ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिए परीक्षार्थियों की सहायता
विद्यार्थियों को पढ़ाई में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सरकार एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिए विद्यार्थियों को डिजिटल सामग्री, ऑनलाइन कक्षाएं उपलब्ध कराता है। इस प्लेटफॉर्म से छात्रों को उच्चराधिकारी और विशेषज्ञ प्रशिक्षण देते हैं। इसके साथ सरकार ने परीक्षार्थियों की सुविधा और योजना के सफल संचालन के लिए एक वेब पोर्टल भी विकसित किया है। जहां परीक्षार्थियों को अध्ययन सामग्री तथा टेस्ट पेपर आसानी से मिल जाएंगे। यहां शिक्षकों की पूरी जानकारी भी है। सरकार छात्रों तक पहुंच बनाने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अपने हैंडल को भी विकसित किया है। 

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