बैठक के दौरान किशोरों से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं पर गहन मंथन हुआ, जिनमें कम उम्र में विवाह, मादक द्रव्यों का सेवन और हिंसा जैसे मुद्दे शामिल थे। उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में इन समस्याओं की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए शिक्षा नीतियों में सुधार और नए पाठ्यक्रमों का समावेश आवश्यक है।