सीएम योगी ने मेधावियों को दिए सवालों के जवाब : बोले- प्रतिष्ठा आपके पीछे आए, इतना करें परिश्रम

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Jun 29, 2024 22:55

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें 2047 में पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप एक विकसित भारत बनाना है। यह तभी संभव होगा जब हम एक अच्छा नागरिक बनेंगे और सामूहिक प्रयास से आगे बढ़ेंगे।

Short Highlights
  • अच्छे शिक्षाविद, पत्रकार, चिकित्सक और किसान सभी को राजनीति में आना चाहिए
  • संन्यास लेना मेरा पलायन नहीं, यह परिश्रम और संघर्ष का मार्ग
Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में छात्रों के पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब उन्होंने संन्यास लिया था, तब शुरू में कई लोग उन्हें टोकते थे। आज उन लोगों को देखता हूं तो पाता हूं कि कोई भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। भौतिक उपलब्धि कभी भी व्यक्ति को संपूर्ण संतोष नहीं दे सकती। 

संन्यास की सार्थकता को साबित करना है लक्ष्य- सीएम योगी 
यह सच है कि मैं आज मुख्यमंत्री हूं, लेकिन संन्यास लेना मेरा पलायन नहीं था, यह परिश्रम और संघर्ष का मार्ग था। मैं आज भी 16-18 घंटे काम करता हूं, यह इसलिए नहीं कि कोई पद या प्रतिष्ठा प्राप्त होगी, बल्कि इसलिए कि यह मेरा कर्तव्य है। मैं अपने संन्यास की सार्थकता को साबित करना चाहता हूं। भारत की ऋषि परंपरा में संन्यास की जो व्यवस्था है, उसे सही साबित करना चाहता हूं। आज मैं भगवान श्रीकृष्ण के सिद्धांतों पर चलते हुए सज्जनों के साथ खड़ा रहता हूं और दुष्टों के विनाश के लिए भी कदम उठाता हूं। 

पीड़ितों का साथ देना ही मेरे जीवन का उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेधावी छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बताया कि संन्यास लेने का निर्णय उनके और उनके माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती थी। कोई भी माता-पिता नहीं चाहते कि उनका बच्चा संन्यासी बन जाए, वे हमेशा परिणाम की अपेक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन में उनकी सोच भी वैसी ही थी, जैसी आज के बच्चों की होती है। वे भी एक अच्छा इंजीनियर बनना चाहते थे। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि किसी पद या पेशे को प्राप्त करने से बेहतर है कि वे पीड़ितों के साथ खड़े रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही उनके जीवन का उद्देश्य है।

मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता
उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। जितनी मेहनत करेंगे, उसका परिणाम हमारे पक्ष में अवश्य आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी कार्य में बाधाएं नहीं आ रही हैं, तो समझ लें कि आपकी दिशा सही नहीं है। जितने आपके शुभचिंतक होंगे, उतने ही विरोधी भी होंगे। इसी परिस्थिति में मिलने वाली सफलता का आनंद अलग होता है। मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों को प्रधानमंत्री मोदी की किताब 'एग्जाम वॉरियर्स' पढ़ने की सलाह भी दी।

राजनीति नौकरी नहीं समाजसेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए एक समर्पित टीम की आवश्यकता है, जो अनवरत और निडर होकर कार्य करती रहे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई पीढ़ी इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। भगवान श्रीकृष्ण को राजनीति में अपना आदर्श मानते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति केवल एक पूर्णकालिक नौकरी नहीं होनी चाहिए। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षाविद, पत्रकार, चिकित्सक और किसान सभी को राजनीति में आना चाहिए। ऐसे विशेषज्ञों की भागीदारी से स्वस्थ और उत्पादक चर्चा-परिचर्चा को प्रोत्साहन मिलेगा। अगर हम केवल जाति, परिवार या क्षेत्र के आधार पर विभाजन करके राजनीति में आते हैं और सामाजिक संरचना को कमजोर करते हैं, तो यह देश के प्रति सबसे बड़ी बेईमानी होगी।

जातिवाद और वंशवाद पर करारा निशाना
उन्होंने कहा कि ये जानते हुए कि भारत की सबसे बड़ी कमजोरी यही जाति वैमनस्यता थी, क्योंकि क्या नहीं था भारत के पास। बल, वैभव, विद्या सबकुछ था यहां। दुनिया में तूती बोलती थी भारत की, लेकिन जातिगत भेदभाव ने इतनी गहरी खाई खोद दी कि चंद विदेशी आक्रांता आए और हमपर शासन करने लगे। सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का जो काम इतिहास में किया गया, आज वही काम ये जातिवादी और वंशवादी नेता कर रहे हैं। सीएम ने छात्र-छात्राओं को सलाह दी कि वे अच्छे अधिवक्ता, इंजीनियर, डॉक्टर, अधिकारी बनें मेहनत करें इतना परिश्रम करें की प्रतिष्ठा आपके पीछे आए, आपको उसके पीछे न जाना पड़े।  

मेधावी छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई 
सीएम ने कहा कि जब आप कक्षा में मेरिट में स्थान प्राप्त करते हैं तो ये प्रत्यक्ष रूप से ये आपका परिश्रम है, मगर इसके पीछे, आपके विद्यालय के शिक्षकगण, कर्मचारीगण और परिजनों का भी परिश्रम शामिल है। हर प्रकार के सार्थक प्रयास जब सामूहिक रूप से आगे बढ़ते हैं तो हमें अच्छे परिणाम भी देखने को मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें 2047 में पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप एक विकसित भारत बनाना है। यह तभी संभव होगा जब हम एक अच्छा नागरिक बनेंगे और सामूहिक प्रयास से आगे बढ़ेंगे। मेधावी छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई देते हुए कहा कि यहां छात्राओं की संख्या बहुत अधिक है। बालिकाओं ने बोर्ड की परीक्षा में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है। ये बताता है कि बालिकाएं तनाव में कम रहती हैं और मेहनत ज्यादा करती हैं। मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं में कृष्णा तिवारी, सोनम पाठक, इशान पचौरी, शांभवी द्विवेदी और कृष्णा शामिल रहे। इस अवसर पर सीएम योगी ने विभिन्न परीक्षाओं में मेरिट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। 

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