UP Flood: बाढ़ में फंसे लोगों के लिए देवदूत बनी एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और पीएसी, सफल रेस्क्यू को दे रहीं अंजाम

UPT | up flood rescue operations

Jul 09, 2024 13:36

बाढ़ ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें मुस्तैदी से काम कर रही हैं। इन टीमों ने बाढ़ में फंसे लोगों से लेकर पशुओं को न सिर्फ बचाया है, बल्कि सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का प्रबंध किया है।

Short Highlights
  • बाढ़ में फंसे लोगों से लेकर पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
  • प्रभावित क्षेत्रों में खाना पहुंचाने की भी संभाली जिम्मेदारी
  • अगले चौबीस घंटे में पूर्वी-पश्चिमी यूपी में भारी बारिश की चेतावनी 
Lucknow News: पहाड़ों पर बारिश से लेकर पड़ोसी राज्यों और नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है। तराई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कृषि भूमि जहां डूब गई है, वहीं नदियों के रौद्र रूप के कारण लोग पलायन को मजबूर हैं। बाढ़ के मद्देनजर 24 जनपद अतिसंवेदनशील और 16 जिले संवेदनशील श्रेणी में शामिल किए गए हैं। इनमें एनडीआरएफ की 7 टीमें, एसडीआरएफ की 18 टीमें और पीएसी की 17 टीमों को तैनात किया गया है।
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि कुछ जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी तीनों को तैनात किया गया है। ऐसे में बाढ़ में फंसे लोगों के लिए ये टीमें देवदूत बनकर सामने आ रही हैं। अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए ये टीमें अब तक बड़ी संख्या में लोगों का सफल रेस्क्यू कर चुकी हैं।

प्रभावित लोगों तक पहुंचाई मदद
राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से मंगलवार को दी गई जानकारी के मुताबिक सभी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें मुस्तैदी से काम कर रही हैं। इन टीमों ने बाढ़ में फंसे लोगों से लेकर पशुओं को न सिर्फ बचाया है, बल्कि सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का प्रबंध किया है। इसके अलावा पीड़ित लोगों तक खाने की व्यवस्था में भी ये टीमें लगी हुई हैं। 

पीलीभीत में बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला
राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से मंगलवार को बताया गया कि पीलीभीत में हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। जनपद के ग्राम बिनौरा गजरौला गैर आबाद बांध पर और तहसील पूरनपुर में सभी फंसे लोगों का एयरलिफ्ट ऑपरेशन के जरिए सुरक्षित स्थान पर सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया है। इसी तरह पीलीभीत के तहसील बीसलपुर के  शीतल पुर मरौरी गांव में नदी की जलधारा में फंसे तीन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इनमें 30 वर्षीय सुखविन्दर सिंह, 26 वर्षीय अजय और 45 वर्षीय वरियाम सिंह शामिल हैं। इसके अलावा श्रावस्ती, मुजफ्फरनगर में भी अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। 

शाजहांपुर में 42 लोगों के लिए रेस्क्यू अभियान जारी
जनपद शाहजहांपुर के गाजीपुर गांव में आठ परिवारों के 42 लोग बाढ़ में फंसे हैं, जिसमें से कुछ लोगों को नाव से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। अन्य परिवारों के घर ऊंचाई पर हैं और आने-जाने का रास्ता कट गया है, इसीलिये इनका रेस्क्यू कार्य प्रगति पर है। जल्द ही इन्हें भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। इसी तरह पीलीभीत के थाना बिलसंडा क्षेत्र में शीतलपुर गांव में पांच व्यक्तियों के बाढ़ से सुरक्षित बाहर निकाला गया। कुशीनगर के थाना खड्डा क्षेत्र के हरिहरपुर में भी तीन लोगों को बाढ़ से सुरक्षित निकाला गया। विभिन्न स्थानों में एनडीआरएफ, एसएसबी और पीएसी के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

प्रदेश में प्रमुख नदियां उफान की स्थिति में
इस बीच प्रदेश में गंगा, राप्ती, घाघा, यमुना, सरयू, रामगंगा आदि नदियां विभिन्न जनपदों में उफान की स्थिति में हैं। इनका जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कुशीनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। इसके अलावा कई अन्य जनपदों में भी लोग प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटे में पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगह भारी बारिश की संभावना जताई है।  

बाराबंकी में सरयू नदी ने मचाई तबाही
बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर खतरे का लाल निशान पार करते हुए 14 सेमी ऊपर चला गया है। नदी के उग्र तेवर की वजह से सड़क व कई रास्ते डू​ब गए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक सिरौलीगौसपुर औरी रामनगर तहसील क्षेत्र के 39 गांव पानी से घिर गए हैं। एल्गिन ब्रिज पर नदी के तेवर देखकर लोग सहमे हुए हैं। पहाड़ों पर बारिश की वजह से जलस्तर में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। रामनगर तहसील क्षेत्र में सरयू के पानी ने बेलहरी, सुंदरनगर, ललपुरवा, कोडरी व बाबा पुरवा गांव में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। बाराबंकी में परसा भयकपुरवा, सरदहा, घुटरू, नव्वनपुरवा, माझारायपुर परसावल, बेहटा, तेलवारी, गोबरहा, कहारनपुरवा, टेपरा, सरायसुर्जन, भैरवकोल, सनावा, सिरौलीगुंग, बीहड़, बघौलीपुरवा, कोठीडीहा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक बाढ़ को लेकर रामनगर, सिरौलीगौसपुर व रामसनेहीघाट तहसीलों में अलर्ट है। लेखपालों को लगा दिया गया है। कंट्रोल रूम बनाकर निगरानी की जा रही है। 10 बाढ़ चौकी बनाई जा रही है। इसके साथ ही 15 अस्थायी राहत शिविर बनाए जा रहे हैं। बलरामपुर जनपद में पहाड़ी नालों व बूढ़ी राप्ती नदी के उफान से तराई समेत गैंसड़ी व पचपेड़वा विकास खंड के गांव पानी में डूबे हैं। राप्ती नदी जनपद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। करीब दो सौ गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। 

मुरादाबाद में रामगंगा के तेवर देख सहमे लोग
मुरादाबाद में रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बाढ़ और कटान की आशंका के मद्देनजर नदी के किनारे रह रहे लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने को बोला गया है। बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक रामगंगा का जलस्तर अभी और बढ़ रहा है। इसके साथ ही ढेला नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अधिशासी अभियंता के मुताबिक टीम को अलर्ट कर दिया गया है।

श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान के पार 
श्रावस्ती जनपद में राप्ती नदी खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रही है। नेपाल के पहाड़ों का पानी आने से राप्ती के जलस्तर में इजाफा हुआ है और इस वजह से करीब 18 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार कुशीनगर में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और खड्डा तहसील में 13 गांव बाढ़ से घिर गए हैं।  

गोरखपुर में नदियों के जलस्तर में इजाफा
गोरखपुर जनपद में सभी नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से फिलहाल 52 सेमी नीचे है। वहीं, राप्ती नदी का जलस्तर लाल निशान से मात्र 46 सेमी नीचे रह गया है। इसी तरहह रोहिन नदी भी खतरे के निशान से 50 सेमी नीचे बह रही है। इन नदियों के जलस्तर जिस तरह से बढ़ रहा है, उससे इनके जल्द ही खतरे के निशान को छूने की संभावना है। ऐसे में तराई इलाकों में रहने वाले बेहद सहमे हुए हैं। बाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नदी में 2.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

बदायूं में बाढ़ को लेकर कई गांव कराए गए खाली
बदायूं जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश और बाढ़ की स्थिति है। कछला में गंगा खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं, इस वजह से घाट पर बनीं दुकानें डूब गईं हैं। सहसवान क्षेत्र में तीन गांव खाली कराए जा रहे हैं। वहीं, अरिल नदी के एक नाले में डूबकर किसान की भी मौत हो चुकी है। नरौरा, बिजनौर, हरिद्वार बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दातागंज में अरिल नदी का जलस्तर बढ़ने से हर्रे नगला और गढ़िया शाहपुर के बीच बना पुल पूरी तरह से डूब गया। इससे दातागंज से गढ़िया रंगीन को जाने वाला आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। सहसवान में गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से तौफी नगला गांव के पास में कटान शुरू हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से गांव खाली कराए जा रहे हैं।

बरेली में सैकड़ों गांवों में तबाही के हालात
बरेली के भोजीपुरा मेंअभयपुर के पास देवरनियां नदी पर दूसरी बार बनाया गया वैकल्पिक कच्चा पुल फिर से बह गया है।
तेज बारिश और नदी में बाढ़ की वजह से पुल नहीं टिक सका। इस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बहेड़ी में लगातार बारिश और नदियों की उफान की वजह से जिले के 94 गांव घिर गए हैं। फरीदपुर क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि चार लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं। बहेड़ी तहसील क्षेत्र के श्यामाचरन गौटिया, मुड़िया मुकर्रमपुर सहित सबसे अधिक 32 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। फरीदपुर के पड़ेरा, कादरगंज, खलपुर, ढकनी, शहपुरा सहित 26, नवाबगंज के अमीरनगर, बढ़ेपुरा, अब्दला सहित 24 तो मीरगंज के धर्मपुरा, सुल्तानपुर, बफरी, गौसगंज सहित 12 गांवों में बाढ़ के पानी ने प्रवेश कर लिया है। बाढ़ खंड के एसडीओ अमित किशोर के मुताबिक नदियों का जलस्तर बढ़ा है। किच्छा, कोसी नदी में छोड़े गए पानी और रामगंगा के बढ़े जलस्तर से तट से सटे गांवों की खेती भूमि प्रभावित हुई है। नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। 

सपा ने सरकार पर बाढ़ को लेकर तैयारी नहीं करने का लगाया आरोप
उधर समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि पूर्वानुमान के बावजूद सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। खेती किसानी बर्बाद हो गई और शहरी इलाके तक डूब गए हैं। किसान और व्यापारी सभी बर्बाद हो गए हैं। मुआवजे के नाम पर सिर्फ सरकारी धन की बंदरबांट हो रही है।

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