पश्चिमांचल में दागी बिजली कंपनी पर एक महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई : पूर्वांचल में 364 करोड़ का काम देने की तैयारी

UPT | Aerial Bunch Conductor

Sep 25, 2024 20:01

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत जिस कंपनी की घटिया एबीसी केबल का खुलासा एक महीना से पहले हुआ था, आज तक उस पर कार्रवाई नहीं हुई।

Lucknow News : प्रदेश में घटिया एबीसी केबल की जांच रिपोर्ट आने के बाद अभी तक कार्रवाई नहीं किए जाने पर विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सवाल खड़े किए हैं। संगठन ने कहा है कि घटिया सामग्री सप्लाई करने वालों पर समय रहते एक्शन लेने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर ये कंपनियां कानूनी पेचीदगियों का सहारा लेकर अपने को बचाने में सफल हो जाती हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (PVVNL) में एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) की क्वालिटी पर सवाल उठे चुके हैं। संबंधित कंपनी के एलटी एरियर बच कंडक्टर केंद्रीय जांच प्रयोगशाला में हुए फेल साबित हुए हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार कार्रवाई करने के नाम पर आंख मूंद कर बैठे हैं।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में न्यूनतम दर के कारण टेंडर हासिल करने की तैयारी
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत जिस कंपनी की घटिया एबीसी केबल का खुलासा एक महीना से पहले हुआ था, आज तक उस पर कार्रवाई नहीं हुई। जब उपभोक्ता परिषद ने उसकी तह में जाकर देखा तो पता चला कि इसी कंपनी के चार टेंडर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (PuVVNL) में खुलें हैं, जिसकी न्यूनतम दर है।



ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई होने पर रद्द हो सकता है टेंडर, जानबूझकर लटकाया जा रहा मामला
इस तरह साफ है कि यदि इस कंपनी पर घटिया क्वालिटी के चलते पश्चिमांचल में ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई हो गई तो उसे लगभग 364 करोड़ का भविष्य में मिलने वाला आदेश रद्द हो जाएगा। सबसे अहम बात है कि पश्चिमांचल में जिस कंपनी की घटिया क्वालिटी का खुलासा हुआ है, उसकी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में मई में एचडी एक्सएलपीई केबल की अलग-अलग साइज की चार टेंडर की फाइनेंशियल विड खुल चुकी है और तब से इसे लंबित रखा गया है, जबकि नियमों के मुताबिक इसे 45​ दिन से अधिक समय तक फाइनेंशियल बिड को खोलकर नहीं रखा जा सकता। ऐसे में इसकी उच्च स्तरीय जांच कराया जाना जरूरी है।

घटिया क्वालिटी की एबीसी केबल के कारण पसीने बहाते रहे पश्चिम के उपभोक्ता
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत घटिया क्वालिटी की एबीसी केबल के चलते गर्मी में उपभोक्ताओं ने पसीना बहाया। जांच होने पर उसके अंदर लगने वाले तीनों फेस के एल्युमिनियम का जो कुल वेट जीडीपी के अनुसार लगभग 1016 किलोग्राम प्रति किलोमीटर होना चाहिए, वह केवल 867 किलोग्राम प्रति किलोमीटर निकला। यानी लगभग 149 किलोग्राम प्रति किलोमीटर कम निकला। इसके बावजूद भी आज तक कार्रवाई नहीं की गई।

अफसरों पर साजिश का आरोप
अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया कि उच्च अधिकारी कंपनी को बचाने में जुटे हैं और उसे मौका दे रहे हैं कि व विधिक विवाद में जाकर अपनी बचत कर ले। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पता चला है कि घटिया एबीसी केबल सप्लाई करने वाली कंपनी जिसकी सामग्री खराब निकली है, उसे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में बड़ा काम मिलने वाला है। इसलिए उसे बचाने की साजिश की जा रही है जो अपने आप में उच्च स्तरीय जांच का मामला है।

मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और नियामक आयोग में शिकायत
उपभोक्ता परिषद ने मामले में मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) से शिकायत करने की बात कही है। अवधेश वर्मा ने कहा कि घटिया एबीसी केबल का मामला बहुत गंभीर है और उस पर आज कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करना सवाल खड़े करता है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारी एक दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं कि मामला उच्च स्तर पर देखा जा रहा है जो अपने आप में सोचनीय है। उन्होंने इस गंभीर मामले पर पावर कारपोरेशन (UPPCL) प्रबंधन से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए कठोर कदम उठाने की मांग की।

50 फीसदी से अधिक बिजली सप्लाई बाधित होने का कारण एबीसी केबिल
गौरतलब है कि पिछले दो सालों में प्रदेश में लगाए गए 89596 किलोमीटर एरियल बंच कंडक्टर की क्वालिटी खराब पाई गई है। इस केबल के कई जगह जलकर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसकी वजह से बिजली की सप्लाई बाधित हो चुकी है। 50 फीसदी से अधिक विद्युत व्यवधान का कारण एबीसी केबिल को बताया गया है। उपभोक्ता परिषद के मुताबिक पुराने एबीसी केबिल जहां लगे पाए गए, वहां पर केबिल जलने की घटनाएं कम हुईं। ऐसे में एरियल बंच कंडक्टर की क्वालिटी पर शुरुआत से ही सवाल उठते रहे हैं।

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