बाबूजी के लिए संवेदना का एक शब्द नहीं, माफिया के लिए पढ़ा फातिहा : सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर किया कटाक्ष

UPT | पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की पुण्यतिथि कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ

Aug 21, 2024 18:38

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब हम लोग बाबू जी की तीसरी पुण्यतिथि को 'हिंदू गौरव दिवस' के रूप में मना रहे हैं तो हमें हिंदू एकता के महत्व को समझना पड़ेगा। हिंदू कोई जाति, मत और मजहब नहीं है। यह भारत की सुरक्षा की गारंटी है, ये भारत की एकता और एकाग्रता की गारंटी है।

Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल स्व. कल्याण सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित 'हिंदू गौरव दिवस' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कौन नहीं जानता है कि श्रद्धेय बाबू जी के दिवंगत होने पर श्रद्धांजलि देने जाने की बात तो दूर समाजवादी पार्टी के मुखिया के मुंह से संवेदना का एक भी शब्द नहीं निकला। वहीं प्रदेश का एक दुर्दांत माफिया मरा था तो फातिया पढ़ने वह उसके गांव तक चले गए थे। क्या यही पीडीए है?

पीडीए को लेकर किया कटाक्ष
उन्होंने कहा कि सैकड़ों हिंदुओं के खून से जिनके हाथ रंगे हुए थे, ऐसे माफिया के मरने पर ऐसे मातम मना रहे थे, जैसे इनका कोई सगा चला गया हो। यही पीडीए का वास्तविक चरित्र है। अयोध्या में एक निषाद बालिका के साथ, कन्नौज में और लखनऊ में जो घटनाएं घटित हुईं, यही इनका चेहरा हैं। जब तक इनका एकजुट होकर मुकाबला नहीं करेंगे, ये लोग प्रदेश की जनता को ऐसे ही बेवकूफ बनाते रहेंगे और छलते रहेंगे।

कल्याण सिंह की जीरो टॉलरेंस नीति आज भी यूपी में लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ये परेशान हैं, क्योंकि उनकी गुंडागर्दी, अराजकता की दुकानें डबल इंजन की सरकार ने बंद कर दी हैं। उनके एक-एक षड्यंत्र को हर एक पग पर रोक दिया गया है। प्रदेश की जनता को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की जिस नीति को 1991 में श्रद्धेय बाबू जी ने लागू किया था, वो आज भी लागू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई व्यक्ति कल्याण सिंह अचानक नहीं बन जाता। कल्याण सिंह बनने के लिए संघर्ष, चुनौती, त्याग और बलिदान का मार्ग चुनना पड़ता है।  उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में काम किया, लेकिन श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के मार्ग से कतई नहीं हटे। आखिरकार परिणाम आज हमारे सामने है।

रामभक्तों का लहू बहाने वालों के खिलाफ बाबजूी ने मुखर की थी आवाज
सीएम योगी ने मुलायम सरकार में हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि याद करिए 30 अक्तूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 में अयोध्या में रामभक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं और उस समय की सरकार एक तरफ हिंदू समाज को आपस में बांटने का कार्य कर रही थी तो दूसरी तरफ रामभक्तों पर गोलियां बरसा रही थी। तब अडिग चट्टान बनकर उनके सामने टकराने वाला व्यक्तित्व श्रद्धेय 'बाबूजी' कल्याण सिंह थे। तब उन्होंने कहा था कि हम हिंदू समाज को बंटने नहीं देंगे। ये जातीयता का जहर घोलने वाले भारत को तोड़ने का काम कर रहे हैं। 30 अक्तूबर और 2 नवंबर 1990 की तिथियां भारत के इतिहास में काले अध्याय के रूप में लिखी जाएंगी, जब अयोध्या में निर्ममतापूर्वक रामभक्तों का लहू बहाया गया था। तब भी बाबू जी ने ही आवाज मुखर की थी।

मुख्यमंत्री का पद ठुकराकर संघर्ष का रास्ता चुना
मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को जब केंद्र सरकार का दबाव था कि अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई जाए तब बाबू जी ने कहा था कि केंद्र चाहे तो हमारी सरकार बर्खास्त कर दे, नहीं तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। लेकिन, रामभक्तों पर हरगिज गोलियां नहीं चलाई जाएंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद ठुकरा कर संघर्ष का रास्ता चुना।

समाज का विभाजन करने वाली ताकतों से बनाई दूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबूजी का जीवन भारत की राष्ट्रीयता के प्रति समर्पित था। उन्होंने जातिवाद को प्रश्रय नहीं दिया। समाज का विभाजन करने वाली ताकतों से उन्होंने दूरी बनाए रखी। उन्होंने मूल्यों पर जीवन जिया, राजनीति को आदर्शों को माध्यम बनाया। राजनीति उनके लिए सत्ता और भोग का माध्यम नहीं बनी, राजनीति उनके लिए सौदेबाजी का जरिया नहीं बना, राजनीति उनके लिए अपने स्वार्थों की पूर्ति का माध्यम कभी नहीं बन पाई। वह मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद, राज्यपाल किसी भी रूप में रहे हों, लेकिन मूल्यों और आदर्शों के साथ कोई समझौता नहीं किया। आरएसएस की पाठशाला में जो दीक्षा उन्होंने सीखी थी, उसका आजीवन पालन करते रहे। इसलिए वो कल्याण सिंह बन पाए।  

हिंदू भारत की एकता और एकाग्रता की गारंटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब हम लोग बाबू जी की तीसरी पुण्यतिथि को 'हिंदू गौरव दिवस' के रूप में मना रहे हैं तो हमें हिंदू एकता के महत्व को समझना पड़ेगा। हिंदू कोई जाति, मत और मजहब नहीं है। यह किसी संकीर्ण दायरे का माध्यम नहीं है। यह भारत की सुरक्षा की गारंटी है, ये भारत की एकता और एकाग्रता की गारंटी है।

समाज को बांटने वाले लोगों के चेहर, चाल और चरित्र अलग
उन्होंने कहा कि याद रखना जब तक भारत का मूल सनातन हिंदू समाज मजबूत है भारत की एकता और अखंडता को दुनिया की कोई ताकत चुनौती नहीं दे सकती। लेकिन, जिस दिन यह एकता खंडित होगी उस दिन भारत को फिरके-फिरके में बांटने की विदेशी साजिशें सफल होती दिखाई देंगी। हमें इन साजिशों को सफल नहीं होने देना है। जो लोग आपको बांटने का काम कर रहे हैं, इनके चेहरे, चाल और चरित्र अलग है। ये बोलेंगे कुछ, दिखाएंगे कुछ और करेंगे कुछ। जब भी इन्हें अवसर मिला, उत्तर प्रदेश को इन्होंने दंगे की आग में झोंका है। जब भी इन्हें अवसर मिला है, इन्होंने हिंदुओं के नायकों को अपमानित किया है। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, कार्यक्रम के आयोजक पूर्व सांसद राजवीर सिंह, प्रदेश सरकार में मंत्री संदीप सिंह सहित कई नेता शामिल रहे।

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