गर्भवती महिला की मौत का मामला : स्वास्थ्य विभाग ने निजी नर्सिंग होम को किया सील, संचालक पर केस दर्ज

UPT | नर्सिंग होम को सील किया गया।

Mar 24, 2024 01:34

16 मार्च को चंद्रमणि खेड़ा गांव के रहने वाले प्रमोद कुमार अपनी गर्भवती बहन निशा बाजपेई को प्रसव कराने के लिए सीएचसी लेकर पहुंचे, लेकिन नर्स ने जांच के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

Raebareli News : रायबरेली में गर्भवती महिला की मौत के मामले में शनिवार को तहसीलदार व एसीएमओ ने सरेनी कस्बे के जनता नर्सिंग होम को सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने संचालक के खिलाफ मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। संचालक सीएमओ ऑफिस में पंजीकृत भी नहीं है। 

क्या है पूरा मामला
16 मार्च को चंद्रमणि खेड़ा गांव के रहने वाले प्रमोद कुमार अपनी गर्भवती बहन निशा बाजपेई को प्रसव कराने के लिए सीएचसी लेकर पहुंचे, लेकिन नर्स ने जांच के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन निशा के साथ आई आशा बहू ने कस्बे के जनता नर्सिंग होम में भर्ती कराने की सलाह दी तो प्रमोद ने उसे वहीं भर्ती कर दिया। जहां 17 मार्च की रात को डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन किया। इससे बच्चा तो ठीक रहा लेकिन निशा की हालत बिगड़ने लगी। डॉ. अमर चौधरी ने दो यूनिट खून चढ़ाया। इसके बावजूद जब हालात में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर स्वयं अपने वहां से उसे जिला मुख्यालय की एक नर्सिंग होम ले गया और निशा को वहीं छोड़कर फरार हो गया।

नोटिस का नहीं दिया जवाब
नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने निशा की जांच के बाद और कहीं ले जाने की सलाह दी तो परिजन उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ ले गए, जहां इलाज के दौरान 22 मार्च को उसकी मौत हो गई। घटना से परिजनों व स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अमल पटेल ने बताया कि डॉ. अमर के पास कोई डिग्री नहीं है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में पंजीकृत भी नहीं है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार, तहसीलदार मंजुला मिश्रा ने शनिवार को जनता नर्सिंग होम को सील कर दिया और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि दो बार नोटिस भी दी गई थी लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला था।

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