यूपीनेडा के 736 करोड़ के 21 निवेश प्रस्ताव मंजूर : यूपी में सीबीजी-बायो डीजल उत्पादन संयंत्रों का होगा निर्माण

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 22, 2024 21:38

राज्य में जैविक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की 21 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृति दी गई है।

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने राज्य में जैविक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक जरुरी कदम उठाया है। मंगलवार को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की 21 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृति दी गई है। इन स्वीकृतियों के साथ अब तक कुल 53 जैव ऊर्जा से संबंधित परियोजनाओं को राज्य सरकार से मंजूरी प्राप्त हो चुकी है, जिनकी कुल निवेश लागत 2525 करोड़ रुपए है।

निवेश प्रस्तावों की वृद्धि
उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (यूपीनेडा) को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग सात लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से लगभग 57 हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के तहत बायो ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित हैं।



कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) में प्रमुखता
प्रमुख सचिव अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो पैलेट, और बायोडीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना सुनिश्चित की जाएगी। इनमें से 16 परियोजनाएं सीबीजी से जुड़ी हैं, जिनका कुल निवेश 722.68 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, 2 परियोजनाएं बायोडीजल के लिए हैं, जिनका कुल निवेश 9.22 करोड़ रुपए है, और 3 परियोजनाएं बायोकोल से संबंधित हैं, जिनका कुल निवेश 4.90 करोड़ रुपए है।

सीबीजी उत्पादन में देश में पहला स्थान
उत्तर प्रदेश कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है, जिसमें प्रतिदिन 210 टन सीबीजी का उत्पादन होता है। इस उत्पादन में बढ़ोतरी से न केवल राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति होगी, बल्कि यह प्रदूषण नियंत्रण और ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उत्पादन क्षमता और संसाधनों की उपलब्धता
इन 21 परियोजनाओं के तहत, प्रतिदिन 110 टन सीबीजी, 92 टन बायो पैलेट, और 100 किलो लीटर बायोडीजल का उत्पादन किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि निवेशकों द्वारा संयंत्रों के लिए आवश्यक भूमि और पर्याप्त बायोमास की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, वित्त पोषण के लिए विभिन्न बैंकों से भी स्वीकृति प्राप्त की गई है, जिससे इन परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में सहूलियत होगी।

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