रामायण मेला समिति-भातखंडे विवि के बीच एमओयू : दिल्ली की तर्ज पर अयोध्या में बनेगा श्रीराम लला केन्द्र  

UPT | अयोध्या में बनेगा श्रीराम लला केन्द्र।  

Oct 22, 2024 19:56

भारतीय कला केंद्र दिल्ली की तर्ज पर अयोध्या में श्री रामलला केंद्र बनाया जाएगा।

Short Highlights
  • चंपत राय बोले-रामनगरी के विकास में मील का पत्थर साबित होगा करार 
  • सांस्कृतिक उत्सवों का कैलेंडर होगा जारी, निकाली जाएगी शोध पत्रिका 
Lucknow News : भारतीय कला केंद्र, दिल्ली की तर्ज पर अयोध्या में श्री रामलला केंद्र बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य तीर्थ यात्रियों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करना है। तीर्थ अपनी यात्रा के दौरान रामलला केंद्र में दो से तीन घंटे का समय बिताकर भगवान श्रीराम की लीला का आनंद और भारतीय संस्कृति को गहराई को समझ सकेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस बाबत रामायण मेला समिति और भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय (बीएसवी) के बीच मणिराम दास छावनी में तीन साल के लिए एमओयू किया गया। 

सांस्कृतिक उत्सवों का कैलेंडर होगा जारी
एमओयू के तहत अयोध्या में प्रमुख धार्मिक व सांस्कृतिक उत्सवों का एक कैलेंडर जारी किया जाएगा। दोनों संस्थान मिलकर रामायण की महत्ता को विभिन्न कला रूपों जैसे संगीत, नृत्य, नाट्य और साहित्य के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाएंगे। रामायण से संंबंधित शोध को प्रोत्साहित करने के लिए दोनों संस्थान इस दिशा में अनुसंधानकर्ताओं को सहयोग करेंगे। इसके अलावा रामायण को रंगमंच, संगीत, नृत्य और साहित्य के माध्यम से विभिन्न आयामों में पेश किया जाएगा। अयोध्या व अवध की विलुप्त हो रही लोक कला, लोक नृत्य, लोकगीत, लोक संस्कार और लोक परंपराओं का संरक्षण, संकलन किया जाएगा।



छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण 

रामायण व संबंधित विषयों पर शोध पत्रिका का प्रकाशन किया जाएगा। इस शोध पत्रिका का उद्देश्य रामायण को रंगमंच संगीत नृत्य और साहित्य के माध्यम से विभिन्न आयामों में प्रस्तुत करना होगा। अयोध्या में आयोजित होने वाले रामलीला को विश्व स्तरीय मंच पर प्रस्तुति के लिए विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद आईसीसी व संगीत नाट्य अकादमी से भारत के विभिन्न देशों के मंचों पर प्रदर्शन के लिए प्रयास किया जाएगा।

निकाली जाएगी शोध पत्रिका
इस अवसर पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि यह करार अयोध्या के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि 200 किमी के क्षेत्र में जितने भी विद्यालय, विश्वविद्यालय हों उनको एक शोध परक पत्रिका का संपादन किया जाए। पत्रिका में विद्वानों के विचारों को शामिल कर उसको प्रचारित-प्रसारित किया जाए। वहीं जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने बताया कि यह करार अयोध्या के साधु-संतों में उत्सव उत्पन्न करने का सराहनीय कदम है।

दुनिया की निगाहें अयोध्या की ओर
भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति ने कहा कि पूरी दुनिया की निगाहें अयोध्या की तरफ हैं। शोध परक एवं प्रमाणिक प्रपत्रों की मांग है। अयोध्या को विश्व पटल पर ले जाने के लिए भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय और रामायण मेला समिति का यह समझौता अयोध्या को नई दिशा देगा।

महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपी समझौते की कॉपी 
रामायण मेला समिति के महामंत्री कमलेश सिंह और भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय की कुल सचिव सृष्टि धवन ने समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह ने हस्ताक्षर कॉपी को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एवं रामायण मेला समिति के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपा। महंत गिरीश पति त्रिपाठी (महापौर) ने एक कॉपी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह को दी।

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