फ्लैट रजिस्ट्री से परेशान नोएडावासी : योगी ने अफसरों के साथ की बैठक, बोले- घर खरीदारों की समस्याओं का करें समाधान

UPT | सीएम योगी ने अफसरों के साथ की बैठक

Jul 16, 2024 14:55

नोएडा में लाखों घर खरीददार पिछले कई सालों से परेशान हैं। बिल्डरों को पैसा देने के बावजूद उनको अपना हक नहीं मिल रहा है। कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं। शनिवार और रविवार को घर खरीददार...

Noida News : नोएडा में लाखों घर खरीददार पिछले कई सालों से परेशान हैं। बिल्डरों को पैसा देने के बावजूद उनको अपना हक नहीं मिल रहा है। कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं। शनिवार और रविवार को घर खरीददार रजिस्ट्री को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट में रह रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लंबे समय से चली आ रही बिल्डर-बायर समस्या के त्वरित समाधान का आदेश दिया है।


समय पर मिलेगी फ्लैट की रजिस्ट्री
मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा, "नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-बायर्स के बीच मौजूद समस्याओं का समाधान अविलंब गति से किया जाना चाहिए। हमारा प्राथमिक कर्तव्य है कि हम प्रत्येक खरीदार के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।" विशेष रूप से फ्लैट रजिस्ट्री की समस्या पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि खरीदारों को उनके फ्लैट की रजिस्ट्री समय पर मिले। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का विलंब अस्वीकार्य है।
 
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।

कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी 
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं।

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