Gupt Navratri : छत्र योग में 6 जुलाई से आरंभ हो रहे गुप्त नवरात्र, घोड़े पर बैठकर आएगी मां दुर्गा

UPT | गुप्त नवरात्र शुभ कलश स्थापना मुहूर्त।

Jul 02, 2024 01:41

गुप्त नवरात्र में जिन दस विद्याएं की पूजा की जाती हैं वो काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला हैं। इन गुप्त नवरात्र में इन देवियों पूजा की जाती है।

Short Highlights
  • 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है इन नवरात्रों में
  • साल में दो गुप्त नवरात्र आषाढ और माघ के महीने में 
  • कलश स्थापना से लेकर पूजा तक ये है शुभ मुहूर्त 
Gupt Navratri 2024 : वर्ष भर में चार नवरात्र होते हैं। दो प्रत्यक्ष नवरात्र जिनमें शारदीय नवरात्र और वासंतिक नवरात्र होते हैं जो कि अश्विन और चैत्र के महीने में आते हैं। इसके अलावा दो गुप्त नवरात्र  भी होते हैं जो कि आषाढ़ और माघ के महीने में होते हैं। प्रत्यक्ष नवरात्रों में मां भगवती के शैलपुत्री आदि नवदेवियों की पूजा होता है। लेकिन गुप्त नवरात्रों में भगवती मां की 10 महाविद्याओं की पूजा होती है। इन्हें साधक, तांत्रिक लोग करते हैं अथवा सामान्य व्यक्ति जो कोई साधना मंत्र, जाप, विशिष्ट पूजा करना चाहे तो उसे कर सकता है।

दस महाविद्याएं इस प्रकार हैं
आचार्य शिव कुमार शर्मा के अनुसार गुप्त नवरात्र में जिन दस विद्याएं की पूजा की जाती हैं वो काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला हैं। इन गुप्त नवरात्र में इन देवियों पूजा की जाती है।

छात्र योग में नवरात्र का आयोजन शुभ 
6 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा शनिवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने कारण छत्र योग बनता है। छत्र योग में नवरात्र का आयोजन बहुत शुभ माना गया है। शनिवार से आरंभ होने के कारण दुर्गा माता अश्व पर सवार होकर आएंगी। वैसे तो दुर्गा माता का वाहन सिंह है। लेकिन नवरात्रि में दिनों के अनुसार उनके अलग-अलग वाहन ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। शनिवार को नवरात्रि होने से मां भगवती घोड़े पर सवार होकर आएंगी। जब माता घोड़े पर सवार होकर आती है तो देश में और विश्व भर में उपद्रव तथा अराजकता फैलती है।  एक देश  दूसरे पर युद्ध थोपेंगे।प्रशासनिक हलचल रहेगी। जनता में असंतोष रहेगा। यद्यपि वर्षा की अधिकता रहेगी जो फसल के लिए किसानों के लिए शुभ योग है। 

ये है कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त
प्रातः 8:37 बजे से 9:00 बजे तक सिंह लग्न (स्थिर लग्न)
9:00 बजे से 10:30 बजे तक राहुकाल है इसको त्यागना चाहिए। 11:36 बजे  से 12: 24 बजे तक

अभिजित मुहूर्त।
15:31 बजे  से 17:49 बजे तक वृश्चिक लग्न ( स्थिर लग्न) 
दुर्गा सप्तमी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा, दुर्गा अष्टमी का व्रत 14 जुलाई को और महानवमी 15 जुलाई को होगी। उसी दिन भगवती मां का विसर्जन हो जाएगा।

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