मेरठ हादसा : एक पिलर पर खड़ा था तीन मंजिला सपनों का घर, गिरते ही तबाह हो गया पूरा परिवार, 10 की मौत

UPT | रेस्क्यू कार्य जारी

Sep 15, 2024 19:36

मेरठ की जाकिर कॉलोनी में एक तीन मंजिला मकान ढहने की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं...

Meerut News : मेरठ की जाकिर कॉलोनी में एक तीन मंजिला मकान ढहने की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मकान की नींव कमजोर हो चुकी थी और उसके कमजोर होने का एक बड़ा कारण निर्माण कार्य के दौरान ध्यान न देना था। मकान की नींव के कमजोर होने की वजह से यह हादसा हुआ। मकान की नींव में डेयरी में इस्तेमाल होने वाला पानी और गंदगी का जमावड़ा हो गया था। पिछले चार दिनों से हो रही बारिश का पानी भी बाहरी दीवारों में रिसते हुए नींव तक पहुंच गया। इन परिस्थितियों के कारण मकान की नींव कमजोर हो गई, जो अंततः ढह गई।

एक पिलर पर खड़ा था मकान
यह मकान 300 गज का था और लगभग 50 वर्ष पुराना था। मकान के भूतल पर अलाउद्दीन और उनके परिवार ने 20 वर्षों से डेयरी का व्यवसाय चलाया। अलाउद्दीन के निधन के बाद, उनके चार बेटे- साजिद, नदीम, नईम, और शाकिर- ने भी डेयरी का संचालन जारी रखा। मकान की ऊपरी मंजिल पर चारों भाइयों के परिवार रह रहे थे। मकान की निर्माण गुणवत्ता भी संदेहास्पद थी। पूरे मकान में केवल एक पिलर था, जो गेट पर स्थित था। दीवारों की मोटाई केवल चार इंच थी और मकान से पानी निकालने के कोई उचित इंतजाम नहीं थे। पशुओं की गंदगी दीवारों पर जमा हो गई थी, जिससे दीवारों की स्थिरता पर असर पड़ा। हादसे के बाद बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिए गए। मलबे के नीचे दबे परिवार के सदस्यों को निकालना अत्यंत कठिन कार्य रहा। बचाव दल ने मलबे को हटाकर घायलों को बाहर निकाला, लेकिन कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। अस्पताल में इलाज चल रहा है और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों की टीम दिन-रात काम कर रही है।

छह दिन पहले मकान का गिरा था एक हिस्सा
छह दिन पहले एक छोटे से मकान का हिस्सा अचानक धंस गया था, लेकिन परिवार ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद से लगातार चार दिन तक बारिश हो रही थी। जिससे मकान की नींव कमजोर और खोखली हो गई थी। शनिवार की शाम करीब 4:30 बजे जब बारिश थमने लगी और मौसम कुछ शांत हुआ तब परिवार के सदस्य साजिद और उसके तीनों भाइयों के परिवार मकान की ऊपरी मंजिल पर मौजूद थे। अचानक और बिना किसी चेतावनी के मकान का पूरा ढांचा धंस गया। इस दुर्घटना में परिवार का पूरा हिस्सा मलबे के नीचे दब गया।

कालोनियों में संचालित हो रहीं डेयरी
शहर की कई कॉलोनियों में अनगिनत डेयरियों का संचालन हो रहा है। जो स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्याएँ पैदा कर रहा है। डेयरी संचालक और उनके कर्मचारी गंदगी को कॉलोनी या उसके आसपास फेंक देते हैं। जिससे क्षेत्र की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इस स्थिति से न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि यह नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन चुकी है। शहर के निवासी और पार्षद कई बार अधिकारियों से इन डेयरियों की समस्या की शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय आंखें मूंदे हुए हैं। नगर निगम और मेडा क्षेत्र की आवासीय कॉलोनियों में व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। लेकिन डेयरी संचालकों की अनियंत्रित गतिविधियों ने इस नियम की धज्जियाँ उड़ा दी हैं।

गंदगी और स्वास्थ्य समस्याएं
डेयरियों से निकलने वाली गंदगी का ढेर लगातार बढ़ता जा रहा है। जो सड़क और नालों में जमा हो जाता है। इस गंदगी से मच्छरों और बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे निवासियों को असुविधा और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई पार्षद और निवासी इस स्थिति के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं और डेयरियों पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं। डेयरी संचालकों की लापरवाही और अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण जाकिर कॉलोनी जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति का खतरा बना हुआ है।

जलभराव की समस्या से हुआ हादसा
शहर में लगातार हो रहे जलभराव की समस्या अब एक गंभीर संकट का रूप ले चुकी है। हादसे के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भवन की नींव में बारिश का पानी रिसाव इसके कमजोर होने की मुख्य वजह था। इस समस्या ने न केवल निर्माण की गुणवत्ता को प्रभावित किया है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है। शहर की गलियों में जलभराव एक आम दृश्य बन गया है। यह समस्या विशेष रूप से बारिश के मौसम में और भी गंभीर हो जाती है, जब नालियों और नालों में पानी जमा हो जाता है। लगातार जलभराव से भवनों की नींव पर गहरा असर पड़ता है। पानी के रिसाव के कारण नींव में कमजोरियाँ उत्पन्न हो जाती हैं, जिससे भवन की स्थिरता पर सीधा असर पड़ता है। इस तरह के हादसे कभी-कभी जानलेवा भी हो सकते हैं, जैसा कि शनिवार को देखने को मिला। हालांकि नगर निगम के अधिकारी जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कई योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अब तक इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। पानी निकासी की उपयुक्त व्यवस्था का अभाव और जलभराव के निराकरण के लिए ठोस कदम न उठाए जाने के कारण यह समस्या जस की तस बनी हुई है।

इन लोगों की हुई मौत
मेरठ में बारिश का कहर जारी है। बारिश के बीच मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के जाकिर कॉलोनी में एक तीन मंजिला भरभराकर गिर गया। जिसमें 14 लोग दब गए हैं। हादसे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। तीन घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके मलबे में छह बच्चों समेत 14 लोग और मवेशी दब गए। मलबे में दबने से सात की मौत हो गई। इनमें साजिद (40) पुत्र अलाउद्दीन, साकिब (20) पुत्र साजिद, सानिया (15) पुत्री साजिद, सानिया (15) पुत्री साजिद, रीजा (7) पुत्री साजिद, सिमरा (डेढ़ साल) पुत्री शहजाद, नफीसा (63) उर्फ नफ्फो पत्नी अलाउद्दीन और फरजाना शामिल हैं। मलबे में दबे बाकी लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। लोहे के सरियों को कटर से काटकर मलबा हटाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि मकान करीब 40 साल पुराना है। मकान की मरम्मत ना होने के कारण ये काफी जर्जर हालात में था। बारिश में मकान गिरने की सूचना लखनऊ तक पहुंची तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और उन्होंने मेरठ डीएम और और एसएसपी को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए।

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