Paytm Crisis : रिजर्व बैंक के बाद अब सरकार का पेटीएम पर बड़ा एक्शन, लगाया इतने करोड़ रुपये का जुर्माना

UPT | पेटीएम पेमेंट्स बैंक

Mar 02, 2024 15:17

वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि FIU-IND ने कुछ अहम जानकारी के आधार पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक के मामलों की समीक्षा शुरू की थी । फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने दावा  किया है कि...

Short Highlights
  • कंपनी पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
  • हमने अपनी मॉनिटरिंग सिस्टम और रिपोर्टिंग व्यवस्था को और मजबूत बनाया है : पेटीएम
Paytm News : रिजर्व बैंक के पेटीएम पर बैन के बाद से कंपनी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस संकट के बीच अब सरकार ने पेटीएम पेमेंट बैंक को झटका देते हुए कंपनी पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया (FIU-IND) ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर PMLA यानी Prevention of Money Laundering Act के नियमों के तहत यह कारवाई की है।

क्यों लिया गया एक्शन 
बयान देते हुए वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि FIU-IND ने कुछ अहम जानकारी के आधार पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक के मामलों की समीक्षा शुरू की थी। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने दावा किया है कि ऑनलाइन गैम्बलिंग को ऑर्गेनाइज तरीके से चलाने और सर्विस देने वाली कुछ कंपनियों ने ट्रांजैक्शन के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक को माध्यम बनाया था।इसके बाद FIU ने जांच शुरू थी और इस जांच में पाया गया कि गैरकानूनी ट्रांजैक्शन में पेटीएम पेमेंट्स बैंक की संलिप्ता थी। इसलिए कंपनी पर 5.49 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक का भी आया बयान
वित्त मंत्रालय के इस एक्शन पर कंपनी का बयान आया है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने कहा है कि यह जुर्माना उस बिजनेस सेगमेंट से जुड़ा हुआ है, जिसे दो साल पहले ही बंद कर दिया गया था। जिसके बाद हमने अपनी मॉनिटरिंग सिस्टम और रिपोर्टिंग व्यवस्था को और मजबूत बनाया है।

Paytm Payment Bank पर बैन क्यों लगा है ?
बैन की सबसे बड़ी वजह जो बताई जा रही है वह है कि एक ही पैन कार्ड पर 100 या हजार से अधिक ग्राहक इस बैंक से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा Paytm Payment के पास वर्तमान समय में 35 करोड़ से अधिक ई-वॉलेट चालू हैं, जबकि इनमें से 4 करोड़ यूजर्स ही एक्टिव हैं बाकि 34 करोड़ ई-वॉलेट निष्क्रिय हैं। इनमें से कुछ अकाउंट ऐसे हैं जिनकी केवाईसी प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। इन सबके कारण मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका भी RBI को है।

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