उग्रवाद का अंत : ULFA, भारत सरकार और असम के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हुए दस्तखत

UP Times | ULFA और भारत सरकार के बीच शांति समझौते पर हुए दस्तखत

Dec 29, 2023 20:31

गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में उल्फा ने त्रिपक्षीय शांति समझौते पर दस्तखत कर दिए. इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी मौजूद रहे. हालांकि परेश बरुआ के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी गुट ने खुद को इस समझौते से अलग कर लिया.

Short Highlights
  • असम में उल्फा के साथ शांति समझौते पर हुए दस्तखत
  • एक हफ्ते में दिल्ली में मौजूद से गुट के कई नेता
  • 1990 में केंद्र सरकार ने कर दिया था प्रतिबंधित
New Delhi: यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), भारत सरकार और असम सरकार के बीच शांति समझौते पर आखिरकार सहमति बन गई. गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में इस त्रिपक्षीय शांति समझौते पर दस्तखत किए गए. इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, राज्य के डीजीपी जीपी सिंह, गृह सचिव अजय भल्ला भी उपस्थित रहे.

समझौते में नहीं शामिल हुआ एक कट्टरपंथी गुट
उल्फा के जिस धड़े ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, अनूप चेतिया गुट का है. इस धड़े के 20 नेता पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में ही थे. वहीं परेश बरुआ के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी गुट ने समझौते का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया. आपको बता दें कि भारत सरकार से बातचीत की कोशिश के बीच 2010 में उल्फा दो भागों में बंट गया था.

इन मुद्दों पर बनी है सहमति
जिस त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, उसमें कुछ बातों पर सहमति बनी है. इसमें असम के लोगों की सांस्कृतिक विरासत बरकरार रखने, काडर के लोगों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने समेत कई बातें हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने इस असम के लिए उज्ज्वल दिन बताया है. उन्होंने कहा कि उल्फा के प्रतिनिधियों के प्रयास के कारण ही यह संभव हो पाया है.

1990 में केंद्र सरकार ने कर दिया था प्रतिबंधित
उल्फा का गठन 1979 में असम को स्वायत्त और संप्रभु राज्य बनाने की मांग के गठन के साथ हुआ था. 1990 में इस संगठन को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था. उल्फा के साथ भारत सरकार ने कई बार बात करनी चाही. लेकिन उल्फा में आपस में टकराव से इस कोशिश में बाधा पैदा होती रही.

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