Swami Premanand Maharaj : प्रेमानंद महाराज बोले- यूपी के 17 जिले हाथ से गए, संभल जाएं नहीं तो.....

UPT | महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज।

Jul 26, 2024 22:52

इस समय सभी लोग सनातन की पताका को लहराने और इस धर्म को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन मैं सभी को चेतावनी देते हुए कहता हूं कि अब भी संभल जाओ, यूपी के 17 जिले हमारे हाथ से चले गए हैं। कुछ ऐसे ही हालात पश्चिम बंगाल के भी है, वहां भी लोग  इसी समस्या से जूझ रहे हैं।

Mahamandaleshwar Swami Premanand Maharaj : पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज का एक बयान इस समय सुर्खियां बना हुआ है। उज्जैन के बड़नगर रोड स्थित मोहनपुरा में श्री बाबाधाम मंदिर (अर्जी वाले हनुमान 81 फीट) में  श्रीमद्भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि मैं भागवत कथा में वह बातें कहने नहीं आया हूं जो आपके कानों को अच्छा लगे, बल्कि उन बातों को कह रहा हूं जो सनातन धर्म को आगे बढ़ाएगीं।

इस समय सभी लोग सनातन की पताका को लहराने और इस धर्म को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन मैं सभी को चेतावनी देते हुए कहता हूं कि अब भी संभल जाओ, यूपी के 17 जिले हमारे हाथ से चले गए हैं। कुछ ऐसे ही हालात पश्चिम बंगाल के भी है, वहां भी लोग  इसी समस्या से जूझ रहे हैं। असम में 5 लाख लोगों के पास कोई पासपोर्ट और वीजा नहीं है। यह एक चिंताजनक बात है। मेरे कहने का सीधा सा मतलब यह है कि 25 साल पहले वे लोग 2 करोड़ थे, फिर 9 करोड़ हुए और अब 38 करोड़ हो चुके हैं। अभी भी समय है, संभल जाइए नहीं तो हिंदुस्तान भी इंडोनेशिया हो जाएगा और जल्द ही आपकी गिनती भी अल्पसंख्यकों में होने लगेगी। 

चार-चार बच्चों को जन्म दें हिंदू महिलाएं
प्रेमानंद महाराज ने कथा के दौरान कहा कि आज सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए महिलाओं को चार-चार बच्चे जन्म देने की आवश्यकता है। हिंदू समाज की महिलाएं 1 से 2 बच्चे करने में भी संकोच करती हैं, जबकि दूसरे समुदाय के लोग 8-8 बच्चे पैदा कर रहे हैं। हिंदू महिलाओं को चाहिए कि वे फिगर मेंटेन करने की बजाय सनातन धर्म और देश के लिए भी कुछ करें। उन्होंने कहा कि अगर आपका 2 बच्चों का टारगेट है और आप 3 कर रहे हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपके तीसरे बच्चे को हम पालन कर लेंगे। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया में रामलीला टिकट से देखी जाती है। वहां कई जगह ऐसी हैं, जहां भगवान का नाम ले लिया जाए तो काटकर फेंक दिया जाता है। हमें इन्हीं समस्याओं के लिए अभी से मंथन करने के साथ जागृत भी होना होगा।

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