आज की सबसे बड़ी खबर : एक साथ भाजपा ज्वाइन करेंगे सचिन पायलट, कमलनाथ, राज ठाकरे, जानिए कब

UPT | सचिन पायलट, कमलनाथ, राज ठाकरे

Feb 19, 2024 18:14

राज ठाकरे अपने राजनीतिक संगठन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का विलय भारतीय जनता पार्टी में करेंगे। बताया जा रहा है कि कमलनाथ और सचिन पायलट अपने-अपने राज्यों से कांग्रेस के विधायकों...

Short Highlights
  • भाजपा ने विपक्षी दलों को ख़ाली करने का प्लान तैयार कर लिया है।
  • राज ठाकरे अपने राजनीतिक संगठन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का विलय भारतीय जनता पार्टी में करेंगे।
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) आने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) के लिए ज़ोर-शोर से जुटी हुई है। इस बीच भाजपा ने विपक्षी दलों को ख़ाली करने का प्लान तैयार कर लिया है। अभी भी निशाने पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है। मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक, भाजपा कांग्रेस को एक साथ कई झटके देगी। सत्तारुढ़ दल के नेता कांग्रेस (Congress) के बड़े-बड़े चेहरों पर डोरे डाल रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। उसी दिन मुंबई के फ़ायर ब्रांड नेता राज ठाकरे भी भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे।

भाजपा को मिलेंगे एमएनएस और एमएलए
राज ठाकरे अपने राजनीतिक संगठन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का विलय भारतीय जनता पार्टी में करेंगे। बताया जा रहा है कि कमलनाथ और सचिन पायलट अपने-अपने राज्यों से कांग्रेस के विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल होंगे। मंगलवार को उत्तर प्रदेश में चल रही इंडस्ट्रियल ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें यह तीनों नेता भाजपा का पटका पहनेंगे। उस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और कई बड़े नेता शामिल होंगे। भाजपा की सदस्यता लेने के बाद तीनों नेता अलग-अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।

सचिन के आने से खत्म हो जाएगी आरजी कैबिनेट
कांग्रेस में सचिन पायलट की पहचान जुझारू और युवा नेता के तौर पर है। सचिन पायलट 46 वर्ष के हैं और उन्होंने कई बड़ी राजनीतिक उपलब्धियां हासिल की है। वह राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। हालांकि, वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। उन्हें कांग्रेस ने राजस्थान का उपमुख्यमंत्री बनाया था। वह पहले ऐसे नेता थे, जो राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष रहते राज्य के उपमुख्यमंत्री भी थे। इससे पहले वह मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके ऐन। खास बात यह है कि सचिन पायलट को राहुल गांधी कैबिनेट का महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है। सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़ने के बाद यह 'युवा दल' समाप्त हो जाएगा। इसके सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह पहले ही भाजपा में जा चुके हैं।

कमलनाथ के साथ भाजपा को नकुल मिलेंगे
77 वर्षीय कमलनाथ भरपूर राजनीतिक पारी खेल चुके हैं। कमल नाथ लगभग 15 महीने मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पिछली बार राजनीतिक संकट के बाद इस्तीफा दे दिया था। वह मार्च 2020 से अप्रैल 2022 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। पिछले साल के आखिर में संपन्न विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का नेतृत्व किया। हालांकि, कांग्रेस को कामयाबी नहीं मिल पाई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता के रूप में उन्होंने शहरी विकास मंत्री के रूप में कार्य किया है। वह लोकसभा के सबसे लंबे समय तक सेवारत और सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक हैं। उन्हें 16वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार चुने गए। मई 2018 में कमल नाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने नवंबर-दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया। इतने दिग्गज नेता के आने से भाजपा को निस्संदेह लाभ मिलेगा। दूसरी तरफ कमल नाथ के बेटे नकुल कमल नाथ राजनीति में हैं। वह 2019 के आम चुनाव में छिंदवाड़ा लोकसभा के लिए चुने गए थे। अब उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना है। अगर कमलनाथ भाजपा में आएंगे तो नकुल की भावी राजनीति का रास्ता साफ हो जाएगा।

राज ठाकरे के जरिए उद्धव ठिकाने लगेंगे
एमएनएस के चीफ राज ठाकरे को भाजपा लाकर दोहरा फ़ायदा मिलेगा। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी को मुंबई जैसे महानगर में फायर ब्रांड नेता मिल जाएगा। जो उद्धव ठाकरे पर लगातार हमला बोलते रहेंगे। दरअसल, शिवसेना में विभाजन के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ा कांटा उद्धव ठाकरे हैं। भारतीय जनता पार्टी को दूसरा बड़ा फायदा 'मराठी मानुस' को जोड़ने वाला मुद्दा है। दरअसल, राज ठाकरे मराठी भाषी लोगों के हकों की लड़ाई लड़ते रहे हैं। जिसके चलते उन्हें मराठी बोलने वाले ख़ूब पसंद करते हैं। दूसरी तरफ भाजपा के पास ऐसे हार्डकोर मराठी लीडर की कमी है। राज ठाकरे के आने से भारतीय जनता पार्टी को यह दोनों बड़े लाभ मिलने वाले हैं। दूसरी तरफ राज ठाकरे तमाम कोशिशों के बावजूद राजनीतिक रूप से कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं कर पाए हैं। उनकी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना लगातार जनाधार खोती जा रही है। महाराष्ट्र विधानसभा, लोकसभा और वृहद मुंबई महानगर पालिका चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को आशातीत परिणाम नहीं मिल रहे हैं। उम्मीद जतायी जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी राज ठाकरे को मुंबई की किसी लोकसभा सीट से मैदान में उतार सकती है। ऐसे में राज ठाकरे पहली बार मुंबई महानगर की राजनीति से आगे बढ़कर दिल्ली में संसदीय राजनीति में पदार्पण कर सकते हैं।

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