रिश्वत लेते राजस्व निरीक्षक को विजिलेंस टीम ने पकड़ा : पैसे न देने पर जमीन को गड्ढा बताकर दूसरे पक्ष को देने की धमकी दी

UPT | गिरफ्तार राजस्व निरीक्षक और उसका साथी।

Oct 04, 2024 00:18

प्रयागराज में विजलेंस टीम ने शिकायत पर सदर तहसील से राजस्व निरीक्षक और उसके साथी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।

Prayagraj News : प्रयागराज में गुरुवार को विजिलेंस टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सदर तहसील में तैनात एक राजस्व निरीक्षक और उसके साथी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। राजस्व निरीक्षक फहीमुद्दीन उर्फ फहीम अहमद ने शिकायतकर्ता विजय बहादुर पटेल से उसकी जमीन को लेकर रिश्वत मांगी थी। उसने धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं दिए, तो जमीन को गड्ढे में दिखाकर दूसरी पार्टी को कब्जा दिला देगा।

पूरा मामला 
प्रयागराज के कैंट थाना क्षेत्र के राजापुर इलाके में रहने वाले विजय बहादुर पटेल, पुत्र स्व. मूलचंद ने राजस्व निरीक्षक फहीमुद्दीन के खिलाफ विजिलेंस टीम को शिकायत दर्ज कराई थी। विजय बहादुर का कहना था कि उनकी जमीन, जो गाटा संख्या 287 ग्राम तहसील सदर में स्थित है, पर उनके परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज है। लेकिन हाल ही में संजय सिंह और अबरार अहमद उर्फ आसिफ बाबा जैसे लोगों ने उस जमीन पर कब्जा करके अवैध निर्माण शुरू कर दिया था। 

रिश्वत की मांग
इस स्थिति को देखते हुए विजय बहादुर ने एडीएम सदर से शिकायत की, जिसके बाद एडीएम ने मामले की जांच शुरू करवाई। जांच के सिलसिले में जब विजय बहादुर तहसील सदर पहुंचे और राजस्व निरीक्षक फहीमुद्दीन से मिले, तो फहीमुद्दीन ने उनसे 20 हजार रुपये रिश्वत मांगी। उसने स्पष्ट कहा कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो वह रिपोर्ट में जमीन को गड्ढे में दिखाकर दूसरी पार्टी को कब्जा दिला देगा। 

विजिलेंस टीम की कार्रवाई
विजय बहादुर ने फहीमुद्दीन की इस धमकी के बाद विजिलेंस टीम में शिकायत दर्ज कराई। टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए योजना बनाई और पैसे देते वक्त राजस्व निरीक्षक फहीमुद्दीन को उसके साथी के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। 

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया
विजिलेंस टीम ने आरोपी राजस्व निरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्त नीतियों का प्रमाण है और इस घटना ने सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया है। 

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