सहारनपुर में पांच को फांसी : जज ने कहा- नौजवान वकील की हत्या से असुरक्षा की भावना बनी, दोषी रहम के लायक नहीं

UPT | वकील कर्मवीर सिंह की हत्या में पांच दोषी

Jun 06, 2024 18:10

सहारनपुर से बड़ी खबर सामने आ रही है। वकील कर्मवीर सिंह की हत्या में पांच दोषियों को जिला कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है...

Saharanpur News : सहारनपुर में वकील कर्मवीर सिंह की हत्या में पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि जवान वकील की हत्या से अधिवक्ता समाज में असुरक्षा की भावना बनी और एक भयावह स्थिति बन गई। दोषी रहम के लायक नहीं हैं। कर्मवीर सिंह एक नौजवान वकील थे। कर्मवीर के पिता सतपाल सिंह छाबड़ा एक कारोबारी हैं। जब यह घटना घटी, उस समय वकीलों और व्यापार संघ में काफी रोष था। इस घटना को लेकर बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश ने भी एक दिन की हड़ताल की थी।

कार को रुकवाकर किया हमला 
मामले के तथ्यों के अनुसार, वारदात के दिन प्रॉपर्टी डीलर सतपाल छाबड़ा और बेटे एडवोकेट कर्मवीर सिंह कार से कहीं जा रहे थे। हत्यारोपियों ने रास्ते में कार को रुकवाया। कार रुकते ही हमलावरों ने उनको बाहर घसीट लिया और बुरी तरह टूट पड़े। कर्मवीर सिंह पर दस बार चाकू से वार किए गए। साथ ही पिता सतपाल छाबड़ा को भी हमले में गंभीर घायल कर दिया। सतपाल छाबड़ा अपने बेटे कर्मवीर के साथ कार से प्रिंटिंग प्रेस जा रहे थे तभी हमलावरों ने हमला बोल दिया।

इनको हुई सजा
जिला कोर्ट के न्यायाधीश महेश कुमार की कोर्ट ने गुरुवार को अमरजीत बत्रा, भूपेंद्र बत्रा, गुरुप्रताप सिंह उर्फ हनी, गुरनीत सिंह उर्फ सनी और गुरमीत सिंह उर्फ राजू को फांसी की सजा सुनाई है। इनमें अमरजीत और भूपेंद्र सगे भाई हैं। गुरुप्रताप भूपेंद्र और गुरनीत अमरजीत का बेटा है। दोषी और कर्मवीर आपस में रिश्तेदार थे। दोनों प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। इसी को लेकर एक प्लाट के विवाद में हत्या कर दी गई थी।

प्लाट के विवाद में की हत्या
कर्मवीर दो बार आईएएस मेन क्वालीफाई कर चुके थे। 8 महीने पहले ही शादी हुई थी। जब हत्या हुई थी, तब पत्नी चार महीने की गर्भवती थी। कर्मवीर की एक प्लाट के विवाद में ही हत्या की गई थी। मृतक कर्मवीर की पत्नी का नाम सोनम है। कर्मवीर की पत्नी उस वक्त 4 माह की गर्भवती थी। 5 माह बाद सोनम ने एक बेटी को जन्म दिया। जिसका नाम ईशा छाबड़ा (7) रखा है। मासूम ने अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखा।

सजा सुनाते समय जज ने बताई कहानी
कोर्ट में फैसला सुनाते हुए जज ने कर्मवीर के बारे कहा कि वह एक नौजवान वकील थे। र्मवीर के पिता सतपाल सिंह छाबड़ा एक कारोबारी हैं। जब यह घटना घटी, उस समय वकीलों और व्यापार संघ में काफी रोष था। इस घटना को लेकर बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश ने भी एक दिन की हड़ताल की थी। उस समय अधिवक्ता समाज में असुरक्षा की भावना भी उत्पन्न हुई और एक भयावह स्थिति बन गई। दोषी रहम के लायक नहीं हैं।

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