Saharanpur News : बारिश पर भारी पड़ी श्रद्धा, गोगा म्हाड़ी मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

UPT | गोगा म्हाड़ी मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

Sep 14, 2024 20:18

बाबा जाहरवीर गोगा महाराज की 900 वर्षों पुरानी धार्मिक परंपरा का निर्वाह करते हुए गंगोह रोड स्थित गोगा म्हाड़ी पर आयोजित तीन दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा।

Saharanpur News : बाबा जाहरवीर गोगा महाराज की 900 वर्षों पुरानी धार्मिक परंपरा का निर्वाह करते हुए गंगोह रोड स्थित गोगा म्हाड़ी पर आयोजित तीन दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था इतनी प्रबल रही कि पूरे दिन मेले में प्रसाद और निशान चढ़ाने का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार को नेजे की अगुवाई में 26 छड़ियां बैंडबाजों और ढोल के साथ मेला स्थल पर पहुंचीं, जहां श्रद्धालुओं ने भगवान गोगा महाराज और गुरु गोरखनाथ के जयकारे लगाए।

पुष्प वर्षा कर दिया भक्तों का आशीर्वाद
मेले की शुरुआत गुघाल पुल के नीचे एकत्र हुई छड़ियों के साथ हुई। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में आध्यात्मिक गुरु दीपांकर महाराज ने पूजा अर्चना की और पुष्प वर्षा कर भक्तों का आशीर्वाद दिया। मौसम खराब होने के कारण हेलीकाॅप्टर से पुष्प वर्षा नहीं हो पाई, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह और जोश बिल्कुल कम नहीं हुआ। छड़ियों के साथ भक्तों ने बारिश की परवाह किए बिना श्री गोरखनाथ और श्री जाहरवीर गोगा महाराज की म्हाड़ी तक तीन किलोमीटर का रास्ता तय किया। 

रात भर चलता रहा भक्तों का आना, सुरक्षा व्यवस्था का सख्त इंतजाम
छड़ियों के मेला स्थल पर पहुंचने के बाद पूजा अर्चना और भंडारों की शुरुआत हुई। इस धार्मिक आयोजन में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लाखों श्रद्धालु प्रसाद और निशान चढ़ाने के लिए पहुंचे। श्री गुग्गा म्हाड़ी सुधार सभा के अध्यक्ष अनिल प्रताप सैनी ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा नहीं हो सकी, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई। समिति के संस्थापक पंकज उपाध्याय ने बताया कि बृहस्पतिवार रात से लेकर शुक्रवार देर रात तक करीब एक लाख भक्तों ने मेले में हिस्सा लेकर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया। डीआईजी अजय कुमार साहनी और एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने मेले की सुरक्षा का जायजा लिया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संतुष्टि जाहिर की। मेले में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

सरसावा का है ऐतिहासिक संबंध
बाबा जाहरवीर का 900 साल पुराना नेजा और सरसावा का ऐतिहासिक संबंध
900 वर्ष पूर्व बाबा जाहरवीर गोगा महाराज ने हरिद्वार जाते समय गंगोह रोड पर अपनी सेना के साथ पड़ाव डाला था। यहां उन्होंने कबली भगत नामक व्यक्ति को मछली पकड़ते देखा। कबली भगत की आर्थिक स्थिति को देखकर बाबा ने उन्हें मछली पकड़ने का काम छोड़ने की सलाह दी और एक नेजा भेंट कर कहा कि यहां म्हाड़ी बनवाकर मेला भरवाओ, जिससे तुम्हारी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। तभी से यहां मेला भरता आ रहा है। 

गुरु गोरखनाथ ने आशीर्वाद हुआ था जाहरवीर का जन्म
श्रद्धालुओं के अनुसार, बाबा जाहरवीर का जन्म राजस्थान के चुरु जिले (अब राजगढ़) के गांव ददरेगा में हुआ था। उनके पिता जेवर सिंह और माता बाछल थीं। बाबा के जन्म से पहले उनके पिता को गुरु गोरखनाथ ने आशीर्वाद दिया था कि उनके घर एक ऐसा पुत्र जन्म लेगा, जो धर्म की रक्षा करेगा। इस आशीर्वाद के बाद जाहरवीर का जन्म हुआ। उनके परिवार का सहारनपुर के सरसावा क्षेत्र से गहरा संबंध है, जहां उनकी माता बाछल का मायका था।

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