Muzaffarnagar Jail : मुजफ्फरनगर जेल में जीरो करप्शन, ISO ने किया सम्मानित

UPT | Muzaffarnagar Jail honored by ISO

Jun 21, 2024 13:31

यह भारत की पहली जेल है जिसे ये प्रमाणपत्र दिया गया है। दरअसल, जिला मजिस्ट्रेट अरविंद मल्लप्पा बंगारी और जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा...

Short Highlights
  • जफ्फरनगर जेल 'रिश्वत-विरोधी प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन' से सम्मानित
  • अधिकारियों ने मुजफ्फरनगर जेल में शून्य भ्रष्टाचार पाया
  • 'ईट राइट कैंपन अवार्ड' से सम्मानित किया जा चुका है

 

Muzaffarnagar News : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जेल को ISO 37001 'रिश्वत-विरोधी प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन' से सम्मानित किया गया है। इसमें यह उल्लेख किया गया है कि यह रिश्वत-विरोधी प्रबंधन प्रणाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करता है। बता दें कि यह भारत की पहली जेल है जिसे ये प्रमाणपत्र दिया गया है। दरअसल, जिला मजिस्ट्रेट अरविंद मल्लप्पा बंगारी और जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने गुरूवार को इसकी जानकारी दी।

सर्वेक्षण के बाद दिया गया प्रमाण
 जिला मजिस्ट्रेट अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा, यह उपलब्धि एक गौरवपूर्ण क्षण है। जिसने भारत की अन्य जेलों के लिए एक मानक स्थापित किया है। आईएसओ 37001 जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानक नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं और उत्पादों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं आईएसओ के एक वरिष्ठ ऑडिटर धीरेंद्र शुक्ला के अनुसार, छह महीने तक सर्वेक्षण करने और जेल के कैदियों और उनके परिवारों से बात करने के बाद, आईएसओ अधिकारियों ने मुजफ्फरनगर जेल को रिश्वत विरोधी प्रणाली प्रमाणन के योग्य पाया। इसके लिए अधिकारियों ने इसकी जांच की कि जेल कर्मचारी कैदियों और उनके आंगतुकों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। साथ ही अधिकारियों ने मुजफ्फरनगर जेल में शून्य भ्रष्टाचार पाया।

जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि इससे पहले नवंबर 2022 में, उसी जेल को आईएसओ 9001: 2000 प्रमाणन से सम्मानित किया गया था, जो कि गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को निर्दिष्ट करता है। उन्होंने बताया कि कैदियों को और अधिक सहायता देने के लिए, जेल ने स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, शारीरिक फिटनेस, अनुशासन और कानूनी सलाह को संबोधित करने वाली छह समितियां स्थापित की हैं। इसके अलावा जेल अधिकारियों की देखरेख में साप्ताहिक बैठकें या चौपाल कैदियों को मुद्दों पर चर्चा करने और सहायता लेने की अनुमति देती हैं।

पहले भी मिल चुका है अवार्ड
जानकारी के अनुसार, इससे पहले मुजफ्फरनगर जेल को 'ईट राइट कैंपन अवार्ड' से सम्मानित किया जा चुका है। जिसे जेल में बंदियों के लिए तैयार होने वाले खाने की गुणवत्ता में सुधार के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की तरफ से दिया गया था। साथ ही आईएसओ प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है। इसके लिए डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी ने जेल अधीक्षक  सीताराम शर्मा की प्रशंसा की। इसे इसलिए भी बड़ी उपलब्धि माना गया क्योंकि अब तक केवल जेलों में मिलने वाले खाने और उसकी गुणवत्ता पर उंगली उठाई जाती रही थी। लेकिन मुजफ्फरनगर जेल में आमूलचूल परिवर्तन की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।

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