यूपी में ईडी का सबसे बड़ा एक्शन :  कौन है हाजी इकबाल, 4400 करोड़ की संपत्तियां, वेस्ट यूपी से दुबई तक तलाश 

UPT | पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल

Jun 15, 2024 19:02

ईडी ने यूपी में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए हाजी इकबाल से जुड़ी 4400 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं। इकबाल फरार है और सूत्रों के मुताबिक वह दुबई में कहीं छिपा हुआ बताया जाता है। 

Saharanpur News : सहारनपुर के खनन माफिया और पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है। ईडी ने यूपी में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए हाजी इकबाल से जुड़ी 4400 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं। यह कार्रवाई अवैध खनन के मामले में हुई है। अटैच की गई संपत्तियों में सहारनपुर स्थित 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग शामिल है।  इकबालफरार है और सूत्रों के मुताबिक वह दुबई में कहीं छिपा हुआ बताया जाता है। 

पहले हाजी इकबाल को जानिए
उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के समय कभी हाजी इकबाल उर्फ बाला का बोलबाला था। सत्ता से नजदीकी की वजह से उससे जुड़े लोग फलफूल रहे थे। खनन माफियाओं से उसका नाम जुड़ता था। भाजपा के सत्त में आने के बाद जांच शुरू हुई तो हाजी इकबाल की आपराधिक गतिविधियों से जुड़ी संपत्तियों पर कार्रवाई होने लगी। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाजी इकबाल की 4440 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ये संपत्तियां अब्दुल वाहिद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर हैं। मोहम्मद इकबाल इस ट्रस्ट के चेयरमैन हैं और उनके परिवार के लोग इसके बाकी शीर्ष पदों पर हैं। इससे पहले भी उनकी अरबों की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं और उसके खिलाफ करीब 40 से अधिक केस दर्ज हैं। 

चीनी मिलों की बिक्री में अनियमितता के गंभीर आरोप
कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सरकार पर चीनी मिलों की बिक्री में अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 2021 में कड़ी कार्रवाई शुरू की थी। निदेशालय ने आरोपी हाजी इकबाल की करोड़ों रुपये की संपत्ति को अटैच किया था। आरोप था कि प्रदेश सरकार ने कुछ चीनी मिलों को बहुत कम मूल्य पर निजी कंपनियों को बेच दिया था। इससे राज्य और केंद्र सरकार को करीब 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह घटना उस समय की मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान हुई थी। निदेशालय की जांच में पता चला कि इस रकम का एक बड़ा हिस्सा हाजी इकबाल के पास आ गया था। उन्होंने कथित तौर पर इस रकम से बड़ी संख्या में संपत्तियां खरीदी थीं। निदेशालय ने इन्हीं संपत्तियों को अटैच किया था। 

सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया
जांच में पता चला कि एक व्यक्ति और उसके परिवार ने कुछ शैल कंपनियों के जरिए राज्य सरकार द्वारा बेची जा रही चीनी मिलों को कम कीमत पर खरीद लिया था। इन शैल कंपनियों के नाम नम्रता मार्केटिंग और गिरीशो कंपनी थे। जांच में सामने आया कि इस व्यक्ति ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर विभिन्न बहानों से गठित कंपनियों के जरिए कुल 7 चीनी मिलों को खरीद लिया था। इन कंपनियों में फर्जी निदेशकों और झूठे लेनदेन पाए गए। ये चीनी मिलें बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली जिलों में स्थित थीं। इस पूरी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। राज्य सरकार को इनकी बिक्री से करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इस पूरे मामले में अभी कई पहलुओं की जांच जारी है।

दस साल से चल रही जांच
ईडी ने मोहम्मद इकबाल के खिलाफ अवैध खनन मामले में 10 साल पहले एफआईआर दर्ज की थी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इस मुकदमे में सहारनपुर के खनन क्षेत्रों में धांधली हुई थी, जिसमें लीज होल्डर महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, नरेंद्र कुमार जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद इकबाल के बेटे मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, नरेंद्र कुमार, पुनीत कुमार और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों का भी उल्लेख किया गया था।

हाजी इकबाल के करीबी भी शामिल
पुलिस ने हाजी इकबाल और उसके गैंग पर कई मामले दर्ज हैं। हाजी इकबाल के खिलाफ सहारनपुर के विभिन्न थानों में 2022 में कुल 28 केस दर्ज किए गए थे। इसके अलावा, उनके बेटे अब्दुल वाहिद यानी वाजिद और जावेद के खिलाफ लखनऊ से लेकर सहारनपुर तक 12 केस दर्ज किए गए हैं। उनके तीसरे बेटे अफजाल के खिलाफ 3 और चौथे बेटे आलीशान के खिलाफ सात मामले दर्ज किए गए थे। हाजी इकबाल और उसके संबंधितों ने अवैध खनन में बड़ी पैमाने पर शामिल होकर करोड़ों रुपए का लेनदेन किया था। इस धनराशि का बहुत हिस्सा अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसे बाद में यूनिवर्सिटी की भूमि और भवनों के निर्माण में निवेश किया गया। जांच में पता चला कि इस तरह से लगभग 500 करोड़ रुपये अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के माध्यम से ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए। वर्तमान में यूनिवर्सिटी की भूमि और भवनों की बाजार मूल्य 4440 करोड़ रुपये बताया जाता है। 

देश छोड़कर चला गया हाजी इकबाल
देशभर की कई एजेंसियां हाजी इकबाल के खिलाफ जांच कर रही हैं। उसके ऊपर लाखों रुपये का इनाम घोषित है। चार बेटे और भाई अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार हो चुके हैं। कुछ महीने पहले हाजी इकबाल की फोटो मिडिल ईस्ट के एक बड़े उद्योगपति के साथ वायरल हुई थी्। दावा किया जाता है कि हाजी इकबाल दुबई भाग गया है। हाजी इकबाल लंबे समय तक वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो भगोड़ा घोषित कर दिया गया। बाद में हाजी इकबाल ने अपने ऊपर चल रहे मुकदमों को लेकर अपने वकील द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की गुहार लगाई. वह अब विदेश में बैठकर ही कोर्ट में पेश होता है।

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