नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति बने BHU के प्रोफेसर : भारत सरकार ने जारी किया पत्रांक, पीएम मोदी ने इसी साल किया था उद्घाटन

UPT | नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति बने BHU के प्रोफेसर

Oct 22, 2024 16:16

काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी BHU के सीनियर प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह को नांलदा यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून महीने में विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया था

Short Highlights
  • नालंदा के कुलपति बने BHU के प्रोफेसर
  • भारत सरकार ने जारी किया पत्रांक
  • जापान में भी किया संस्कृति का प्रचार
Varanasi News : काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी BHU के सीनियर प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह को नांलदा यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून महीने में विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया था। इस संबंध में भारत सरकार ने अपना पत्रांक जारी कर जानकारी दी है। सिद्धार्थ सिंह को कुलपति बनाए जाने पर BHU प्रशासन में भी खुशी की लहर है।

जापान में भी किया संस्कृति का प्रचार
सिद्धार्थ सिंह बीएचयू में पालि एवं बौद्ध अध्ययन के सीनियर प्रोफेसर हैं। उन्होंने 2018 से 2022 तक टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में निदेशक का पदभार संभाला। इस दौरान उन्होंने जापान में भारतीय संस्कृति का जमकर प्रचार-प्रसार किया। वह पालि एवं बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं।



नालंदा में बनाए गए हैं 7 डिपार्टमेंट
नव नालंदा महाविहार के कुलपति नियुक्त होने पर सिद्धार्थ सिंह को साथी प्रोफेसरों ने बधाई दी। आपको बता दें कि नव नालंदा महाविहार को पुनर्जीवित करने के बाद अब तक पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट स्टूडेंट्स के लिए सात डिपार्टमेंट बनाए गए हैं। इसमें इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट, इन्फॉर्मेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, लिंग्विस्टिक एंड लिटरेचर, इंटरनेशनल रिलेशन्स, पीस स्टडीज (शांति अध्ययन) एंड बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव रिलिजन, इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट और हिस्टोरिकल स्टडीज शामिल हैं।

अब्दुल कलाम ने दी थी सलाह
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 28 मार्च 2006 को बिहार आए थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर का दौरा किया था। तब उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने की सलाह दी थी। 15 जुलाई 2016 को यूनेस्को ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुरातात्विक अवशेष को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिया था।इस समय विश्वविद्यालय में कुल 17 देश के 400 स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं। यहां एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी बनाई जा रही है।

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