वाराणसी से बसपा प्रत्याशी का बयान : मेरी लड़ाई सीधे पीएम मोदी से, कांग्रेस को बताया चौथे नंबर की पार्टी 

UPT | सैयद नियाज अली

Apr 21, 2024 11:40

अभी कुछ दिनों पहले ही पूर्व विधायक और डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी। मुख्तार अंसारी की मौत पर बोलते हुए सैयद नियाज अली ने कहा कि अगर उनका परिवार शक जाहिर करता है तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करानी चाहिए।

Short Highlights
  • मुसलमान ने जब भी कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को वोट दिया है, वे भाजपा में चले गए हैं : नियाज अली
  • मुसलमान का वोट खराब न हो, इसलिए वे बहुजन समाज पार्टी के साथ हैं : बसपा प्रत्याशी
Varanasi News : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी तरफ से तैयारी करने में लगी हुई हैं। शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी ने वाराणसी से अपना उम्मीदवार बदल दिया। पार्टी ने पहले अतहर जमाल लारी को उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में उनका टिकट काटकर सैयद नियाज अली मंजू को वाराणसी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी और पीएम से सीधे टक्कर होने की बात कही।

पीएम से सीधी टक्कर - बसपा प्रत्याशी
मीडिया से बात करते हुए बसपा प्रत्याशी सैयद नियाज अली ने बताया कि उनकी सीधी लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवार तीसरे या चौथे नंबर पर आएंगे। आगे उन्होंने कहा कि वह बुनकर समाज के लिए लड़ाई लड़ने का काम करेंगे। साथ ही उनकी कमाई और रोजी-रोटी बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे।

अभी कुछ दिनों पहले ही पूर्व विधायक और डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी। मुख्तार अंसारी की मौत पर बोलते हुए सैयद नियाज अली ने कहा कि अगर उनका परिवार शक जाहिर करता है तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करानी चाहिए। उन्होंने आगे जोड़ा कि इस मुद्दे को चुनाव प्रचार में लाया जाए या नहीं यह बाद में तय करूंगा। बता दें कि मुख्तार अंसारी की गाजीपुर के साथ वाराणसी में भी अच्छा प्रभाव था। 

मुस्लिम समाज बसपा के साथ - नियाज अली 
मुस्लिम वोट का सपा, कांग्रेस और बसपा के बीच बंटने के सवाल पर सैयद नियाज अली ने बताया कि पहले लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेश मिश्रा को वोट दिया लेकिन वह अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के ही दयाशंकर मिश्र दयालु को भी मुसलमान ने वोट दिया था अब वह भी बीजेपी सरकार में मंत्री हैं। इससे समझ में आता है कि मुसलमान ने जब भी कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को वोट दिया है, वे भाजपा में चले गए हैं। अंत में उन्होंने जोड़ा कि मुसलमान का वोट खराब न हो, इसलिए वे बहुजन समाज पार्टी के साथ हैं। 

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