हाथरस हादसे के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी : एक साथ खोदी गई 14 कब्रें, जानिए उस रात क्या हुआ था

UPT | हाथरस हादसे के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी

Sep 07, 2024 12:23

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में शुक्रवार शाम को एक भयावह सड़क दुर्घटना ने 17 लोगों की जान ले ली। हादसा हाथरस के सासनी क्षेत्र में हुआ, जहां एक मैक्स वाहन और जनरथ बस की टक्कर हो गई।

Short Highlights
  • हादसे के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी
  • एक साथ खोदी गई 14 कब्रें
  • पूरा गांव शोक में डूबा
Hathras News : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में शुक्रवार शाम को एक भयावह सड़क दुर्घटना ने 17 लोगों की जान ले ली। हादसा हाथरस के सासनी क्षेत्र में हुआ, जहां एक मैक्स वाहन और जनरथ बस की टक्कर हो गई। इस हादसे में मरने वालों में से 15 एक ही परिवार के थे, जिनमें 4 बच्चे, 4 महिलाएं और 9 पुरुष शामिल थे। दुर्घटना के बाद 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे में मरने वाले 16 लोग अगला के सेमरा गांव के थे। अब उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव में एक साथ 14 कब्रें खोदी गई हैं। हालात ये हो गए कि शवों के लिए कफन कम पड़ गए, जिसके बाद टेलर को बुलाना पड़ा।

जानिए उस रात क्या हुआ था?
मैक्स वाहन में कुल 37 लोग सवार थे, जो हाथरस के एक धार्मिक कार्यक्रम से लौट रहे थे। हादसे की गंभीरता इतनी थी कि मैक्स पलटकर सड़क किनारे गड्ढे में गिर गई और कई लोग 20 फीट दूर खेतों में जा गिरे, जहां उन्होंने तड़पते हुए दम तोड़ दिया। दरअसल दुर्घटना के समय, मैक्स को ओवरटेक करने के दौरान संतुलन खो बैठी और सड़क पर गीली होने के कारण अनियंत्रित हो गई। इसके बाद, वह सामने से आ रही रोडवेज की जनरथ बस से टकरा गई।

चारों ओर बिखरी थी लाशें
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मैक्स के परखच्चे उड़ गए और यात्री ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद उन्हें हाथरस जिला अस्पताल और गंभीर मामलों में अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा।

पूरा गांव शोक में डूबा
दुर्घटना का शिकार हुए लोग आगरा के सेमरा गांव के निवासी थे और हाथरस के गांव मुकुंदखेड़ा में एक धार्मिक कार्यक्रम से लौट रहे थे। कार्यक्रम में शामिल होकर लौटते समय उनकी मैक्स गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। हादसे में मरने वाले 16 लोग एक ही परिवार के थे, जिससे पूरे गांव में गहरा मातम छा गया। शवों की स्थिति इतनी भयावह थी कि गांव में चीख-पुकार मच गई। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और पूरा गांव शोक में डूब गया। अंतिम संस्कार के लिए 14 कब्रें एक साथ खोदी गईं और शवों को कफन देने के लिए अतिरिक्त कफन की व्यवस्था की गई।

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