हाथरस में भगदड़ के बाद 100 से अधिक मौतें : 2005 में 340 की गई थी जान, जानें इसके पहले कब-कब हुए हैं ऐसे हादसे

UPT | हाथरस में बड़ा हादसा

Jul 02, 2024 18:25

हाथरस के रतिभानपुर पुर में सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत की सूचना मिली है। यहां भोले बाबा के सत्संग के समापन के बाद जब हजारों श्रद्धालु बाहर निकल रहे थे,...

Hathras News : हाथरस के रतिभानपुर पुर में सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत की सूचना मिली है। यहां भोले बाबा के सत्संग के समापन के बाद जब हजारों श्रद्धालु बाहर निकल रहे थे, अचानक भगदड़ मच गई। ऐसी घटनाएं हर साल सामने आ रही हैं। जिसमें हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसी घटना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। आखिरकार इतने लोगों की मौत की जिम्मेदारी किसके सर जड़ी जाएगी। बता दें कि ऐसी ही घटना जम्मू के प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में घटी थी, जहां 12 लोगों की मौत हुई थी। आइये जिक्र करते हैं ऐसी ही कुछ घटनाओं का जिसमें लोगों को जान गंवानी पड़ी है।

वैष्णो देवी मंदिर में हुआ था हादसा
बता दें कि साल 2022 में जम्मू के प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की भगदड़ मच गई। घटना में 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना के बाद कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। वहीं घायलों को 2 लाख रुपये देने की बात कही गई।

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करुप्पासामी मंदिर में हुआ हादसा
तमिलनाडु के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर 2019 में ऐसी ही घटना घटी थी। करुप्पासामी मंदिर में चित्रा पूर्णिमा के अवसर पर 21 अप्रैल को भक्तों की भीड़ इकट्ठा हुई थी। अचानक भगदड़ मच जाने से सात लोगों की जान चली गई और दस अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस त्रासदी पर देश के प्रधानमंत्री ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की। मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये प्रति परिवार और घायलों को पचास हजार रुपये प्रति व्यक्ति की सहायता राशि देने का ऐलान किया गया। यह दुर्घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में एकत्र हुए थे। अचानक भीड़ में अफरा-तफरी मच गई, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद घटना घटी।

सबरीमाला में हुआ था हादसा
वहीं, केरल के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सबरीमाला में 2017 में घटना घटी थी। इस पवित्र स्थान पर अचानक उत्पन्न भगदड़ की स्थिति में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हताहत हुए। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में लगभग 25 लोग घायल हुए। चिंताजनक बात यह थी कि इनमें से कई व्यक्तियों की स्थिति गंभीर बताई गई।

145 लोगों की गई थी जान
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित श्रीनयना देवी मंदिर, जो उत्तर भारत की एक प्रमुख शक्तिपीठ है, ने अपनी सुरक्षा व्यवस्थाओं को कड़ा कर दिया है। यह कदम पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए उठाया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि 2008 में इसी पवित्र स्थल पर एक दुखद घटना घटी थी। उस समय अचानक मची भगदड़ में लगभग 145 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।

गरीबनाथ मंदिर में भी घटी थी घटना
मुजफ्फरपुर, बिहार में स्थित गरीबनाथ मंदिर में 2018 के 13 अगस्त को हुई भगदड़ में करीब 15 लोगों के घायल हो जाने की घटना आई थी। इस हादसे के बाद की जांच में पता चला कि मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ थी, जिसके कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी।

340 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत
बता दें कि साल 2003 में महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 लोग मारे गए थे और लगभग 140 अन्य घायल हो गए थे। वहीं 2005 में महाराष्ट्र के सतारा जिले के मंधारदेवी मंदिर में एक वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचल कर मौत हो गई थी और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे। हादसे का कारण हैरान करने वाला है। घटना श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने से सीढ़ियों पर फिसलन से हुई थी, जिसमें कुछ लोग फिसलकर गिर गए थे।

चामुंडा देवी मंदिर में हुआ था हादसा
साल 2008 में राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाहों के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 भक्तों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए। वहीं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में मची भगदड़ में लगभग 63 लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना साल 2010 की है, वहां लोग मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्रित हुए थे।

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