Barabanki News : प्रधान और प्रधानाध्यापिका के बीच मतभेद, स्कूल में कई दिनों से नहीं बन रहा मिड डे मील

UPT | प्राथमिक विद्यालय में नहीं बन रहा भोजन।

Sep 13, 2024 01:40

सरकार प्राथमिकता के तौर पर सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील की व्यवस्था कराती है। जिससे कि विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को समुचित आहार मिल सके। लेकिन, बाराबंकी में सरकार की मंशा को दरकिनार करते हुए...

Barabanki News : सरकार प्राथमिकता के तौर पर सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील की व्यवस्था कराती है। जिससे कि विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को समुचित आहार मिल सके। लेकिन, बाराबंकी में सरकार की मंशा को दरकिनार करते हुए प्रधान की मनमानी और प्रधानाध्यापिका से मतभेद के चलते कई दिनों से विद्यालय में भोजन ही नहीं बन रहा। आज काफी संख्या में ग्रामीण विद्यालय के बाहर एकत्रित हो गए और नाराजगी जताई।

ये है पूरा मामला
मामला रामसनेही घाट तहसील के बनी कोडर ब्लॉक के ग्राम पंचायत भावनियापुर का है। ग्रामीणों का आरोप है कि भावनियापुर नवीन प्राथमिक विद्यालय में पिछले शनिवार से मिड डे मील का नहीं बना है। जिससे छात्र छात्राओं को भूखा ही रहना पड़ता है। प्रधानाध्यापिका कीर्ति कश्यप का आरोप है कि ग्राम प्रधान उदय राज की मनमानी के चलते चेक पर साइन नहीं हुआ, जिससे समान न होने के कारण भोजन नहीं बन रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की है। दूसरी ओर बच्चों ने भी कई दिनों से विद्यालय में खाना न बनने की बात स्वीकार की है।
 
प्रधान ने चेक पर साइन नहीं किया
रसोइयों ने बताया कि प्रधान द्वारा चेक पर साइन न करने से विद्यालय में खाना बनाने का सारा सामान समाप्त हो गया। इसकी सूचना उन्होंने प्रधानाध्यापिका और प्रधान को दी। लेकिन, प्रधान ने कोई ध्यान नहीं दिया और विद्यालय में खाना नहीं बना। ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापिका की गलती नहीं, बल्कि प्रधान की कमीशनखोरी के चलते बच्चों के भविष्य और भोजन के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस मामले में प्रधान ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
 
जल्द होगा ​मामले का निस्तारण
खंड शिक्षा अधिकारी संजय राय ने कहा कि मामला संज्ञान में है। कुछ दिनों पहले  प्रधानाध्यापिका ने उन्हें एक एप्लीकेशन दी थी। जिसमें प्रधान पर चेक पर साइन न करने और भोजन न बनने की बात कही गई है। इसे बीडीओ बनीकोडर के संज्ञान में लाया गया है। जल्द ही इस मामले का निस्तारण किया जाएगा। 

बच्चों के निवाले पर डाका 
फिलहाल, मामला जो भी हो, एक बात तो साफ है कि कमीशनखोरी के चलते कहीं ना कहीं ना बच्चों के निवालों पर डाका डाला जा रहा है। अब इसमें जिम्मेदार प्रधान हों या प्रधानाध्यापिका, यह जांच का विषय है। 

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