Barabanki News : भेड़िये के डर से स्कूलों में घट रही छात्रों की संख्या, ग्रामीणों में फैली दहशत

UPT | बाराबंकी

Sep 14, 2024 02:02

जिले के देवा थाना क्षेत्र के सालेनगर गांव में जंगली जानवर, जिसे ग्रामीण भेड़िया बता रहे हैं, के आतंक से गांव में भय का माहौल बन गया है।

Barabanki News : जिले के देवा थाना क्षेत्र के सालेनगर गांव में जंगली जानवर, जिसे ग्रामीण भेड़िया बता रहे हैं, के आतंक से गांव में भय का माहौल बन गया है। इस जंगली जानवर ने अब तक कई बकरियों और बछड़ों पर हमला किया है, जिससे उनकी मौत हो चुकी है। इस हमले में एक महिला भी घायल हो चुकी है। ग्रामीणों का दावा है कि यह जंगली जानवर भेड़िया है, जिसे उन्होंने अपनी आंखों से देखा है। इसका खौफ इतना बढ़ गया है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं, जिसके कारण स्कूलों में छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आई है।

जंगली जानवर का हमला, वन विभाग की कार्रवाई
सालेनगर गांव में कल एक बकरी पर जंगली जानवर के हमले की खबर ने पूरे गांव में दहशत फैला दी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में डर का माहौल है। वन विभाग ने इस हमले के बाद कांबिंग अभियान शुरू कर दिया है, जिसमें गांव और आसपास के क्षेत्रों में जंगली जानवर की खोज की जा रही है। रात के समय वन विभाग की टीम गांव में तैनात है ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित रखा जा सके। ग्रामीणों ने दावा किया है कि यह जानवर भेड़िया ही है, जिसे उन्होंने देखा है। भेड़िया कुत्ते से बड़ा और खतरनाक दिखता है। इस डर से ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ रात में पहरा दे रहे हैं।

स्कूलों में घट रही है छात्रों की संख्या
इस घटना के बाद से सालेनगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में भी डर का असर साफ देखा जा सकता है। स्कूल की शिक्षिकाओं ने बताया कि भेड़िये के डर से स्कूल में छात्रों की संख्या अचानक कम हो गई है। जो बच्चे स्कूल के पास रहते हैं, वे तो स्कूल आ रहे हैं, लेकिन जो बच्चे दूर के गांवों से आते हैं, वे स्कूल नहीं आ रहे। अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को भेड़िये के डर से स्कूल भेजने में हिचकिचा रहे हैं। 

स्कूल और गांव में फैला डर
ग्रामीणों और शिक्षकों के मुताबिक, गांव में भेड़िये का खौफ इतना ज्यादा है कि लोग अपने दैनिक कार्यों के लिए भी बाहर निकलने से डर रहे हैं। ग्रामीण अपने खेतों में काम करने के बजाय समूह में सुरक्षा के साथ जा रहे हैं। वहीं स्कूल की शिक्षिकाओं ने यह भी बताया कि विद्यालय की बाउंड्री बहुत छोटी है, जिससे जंगली जानवर के अंदर घुसने का खतरा बना रहता है। इस कारण बच्चों के अभिभावक भी चिंतित हैं और उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं।

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