Ayodhya News : नृपेंद्र मिश्र बोले-उच्चतम गुणवत्ता के साथ हो रहा श्रीराम मंदिर का निर्माण, मंदिर परिसर में लीकेज की बात भ्रामक

UPT | राम मंदिर का गर्भ गृह।

Jun 25, 2024 19:50

मानसूनी बारिश से पहले हुई बरसात में गर्भगृह से लेकर वीआईपी लेन व नए पुजारियों के स्थल तक मंदिर की छत टपकने की खबर ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है...

Short Highlights
  • मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष ने प्रधान पुजारी के आरोपों का खंडन किया
  • कहा-मंडप की छत निर्माणाधीन है, द्वितीय तल पर पूरी होगी तब तक अस्थाई छाजन है

Ayodhya News : मानसूनी बारिश से पहले हुई बरसात में गर्भगृह से लेकर वीआईपी लेन व नए पुजारियों के स्थल तक मंदिर की छत टपकने की खबर ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्रदास ने खुद मीडिया के समक्ष मंदिर की छत टपकने की बात कही और निर्माण की गुणवत्ता पर आशंका जताई है। जिसके बाद मंगलवार को राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने राम मंदिर परिसर का बारीकी से निरीक्षण करते हुए मुख्य पुजारी के आरोपों को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि राम मंदिर में निर्माण की गड़बड़ी को लेकर लगातार आरोप लगाया जा रहा था। मंदिर के गर्भ गृह से जल निकासी की समस्या और मंदिर की छत से बारिश के पानी के रिसाव को लेकर रामलला के प्रधान पुजारी के द्वारा आवाज उठाई जा रही थी। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि मंदिर निर्माण उच्चतम गुणवत्ता से किया जा रहा है। मंदिर निर्माण में किसी भी तरीके की गुणवत्ता में कमी नहीं है। बारिश के पानी को लेकर मंदिर परिसर में पानी के लीकेज की खबर भ्रामक है। इतना ही नहीं गर्भ गृह से जल निकासी को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह संतों की राय पर भगवान के स्नान और श्रृंगार के जल को एकत्रित कर श्रद्धालुओं को दिया जाता है।

वायरिंग होनी है जिसकी पाइप का सिरा खुला है, जिससे पानी आया 
भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर परिसर में पानी को लेकर कोई समस्या नहीं है। मैंने निरीक्षण किया है। मंडप अभी बनाया जा रहा है। मंडप की छत निर्माणाधीन है। जो द्वितीय तल पर जाकर पूरी होगी। तब तक के लिए अस्थाई तौर पर छाजन की व्यवस्था पहले से ही की गई थी। लोगों ने भ्रम पैदा किया है। उन्होंने बताया कि बिजली की अंडरग्राउंड वायरिंग की जानी है। जिसको लेकर प्रथम तल पर पाइप खुला हुआ है। पाइप के जरिए पानी सीवेज में आया। निर्माण में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है। दोहराया कि राम मंदिर में उच्चतम स्तर का निर्माण कार्य हो रहा है। जिसके लिए सीबीआरआई रुड़की समय पर निर्माण की जांच करती है। वरिष्ठ अभियंता निरीक्षण के बाद प्रमाण पत्र जारी करते हैं।

वहीं गर्भ गृह के जल निकासी की समस्या को लेकर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि गर्भ गृह में भगवान के स्थान और श्रृंगार का ही जल होता है। साधु संतों की राय थी कि भगवान के स्नान और श्रृंगार के जल को एक कुंड में एकत्रित किया जाए। श्रद्धालुओं को स्नान और जल की मांग के अनरूप उपलब्ध कराया जाता है। पानी निकासी के लिए सभी मंडप में परनाला बनाया गया है। इसके अलावा मंदिर के फर्श को इस तरह से बनाया गया है ताकि अपने आप पानी बाहर निकल सके। वहीं मंदिर निर्माण की शैली की जानकारी देते हुए कहा कि नागर शैली में सभी तरफ से मंदिर को बंद नहीं किया जाता। मंदिर में मंडप के दाएं और बाएं तरफ का हिस्सा खुला हुआ है। जिसके कारण संभव है कि तेज बारिश होने पर मंदिर परिसर में छींटे आ जाए। लेकिन निर्माण के कारण पानी आने की मंदिर परिसर में कोई भी संभावना नहीं है।

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