अयोध्या राम मंदिर : 1 जुलाई से नई व्यवस्था, पुजारी नहीं कर सकेंगे एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल

UPT | अयोध्या राम मंदिर

Jun 29, 2024 10:49

अयोध्या के राम मंदिर में 1 जुलाई से कुछ नए नियम शुरू होंगे। नए नियम के तहत मंदिर के सभी पुजारी को मंदिर परिसार में स्मार्टफोन (एंड्रॉयड फोन) का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

Ayodhya News : अयोध्या के राम मंदिर में 1 जुलाई से कुछ नए नियम शुरू होंगे। इस नए नियम के तहत मंदिर के सभी पुजारी को मंदिर परिसार में स्मार्टफोन (एंड्रॉयड फोन) का उपयोग नहीं कर पाएंगे। हालांकि, उन्हें फोन का उपयोग करने से पूरी तरह नहीं रोका गया है। जरूरत पर पुजारी परिजनों से बातचीत के लिए कीपैड वाले मोबाइल का ही इस्तेमाल कर पायेंगे। 1 जुलाई से ये नया नियम लागू हो जाएगा।

कब बनाया गया ये नियम
यह नियम तब बनाया गया जब खास मेहमानों (VIP) को भी मंदिर में फोन लाने से मना किया गया था। यह नियम सभी पुजारियों पर लागू होगा, चाहे वे बड़े हों या छोटे। 1 जुलाई से रामलला की पूजा करने वाले पुजारियों की संख्या बढ़कर 25 हो जाएगी, जो पहले सिर्फ 5 थी। रविवार को यह बताया जाएगा कि इन पुजारियों को चार अलग-अलग समूहों में कैसे बांटा जाएगा। इस दिन 20 नए पुजारियों को काम पर रखने के लिए आधिकारिक पत्र दिया जाएगा। उन्हें अपनी ट्रेनिंग पूरी करने का सर्टिफिकेट भी मिलेगा। साथ ही, पुजारियों को यह भी बताया जाएगा कि उन्हें इस काम के लिए कितना वेतन मिलेगा। इन सब बातों पर चर्चा करने के लिए मंदिर की एक खास कमेटी की मीटिंग रखी गई है।

बैठक में शामिल होंगे ये लोग 
इस बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष (खजांची) महंत गोविंद देव गिरि, तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, दिल्ली के प्रोफेसर जयकांत मिश्रा, राम कथा कुंज के पीठाधीश्वर डॉ. रामानंद दास महाराज, उनके उत्तराधिकारी महंत सत्यनारायण दास और हनुमान निवास महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण महाराज मौजूद रहेंगे। यह बैठक रामकोट स्थित नए कार्यालय में होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना 
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह निर्णय मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आधुनिक तकनीक के लाभों के साथ-साथ इसके दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ी है। हमारा उद्देश्य है कि पुजारी बिना किसी व्यवधान के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। पुजारियों की संख्या बढ़ाने से यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक पूजा और अनुष्ठान अधिक ध्यान और समर्पण के साथ किया जा सके।

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