इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त रुख : डीएम बांदा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jul 23, 2024 14:31

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक फैसले में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए एक नया अध्याय जोड़ दिया है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रमेश कुमार श्रीवास्तव और 16 अन्य याचिकाकर्ताओं...

Banda News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक फैसले में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए एक नया अध्याय जोड़ दिया है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रमेश कुमार श्रीवास्तव और 16 अन्य याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एक अभूतपूर्व निर्णय दिया है। इस निर्णय के अनुसार, 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 1 जुलाई को मिलने वाली वेतनवृद्धि का लाभ देना अनिवार्य किया गया है।

ये है मामला
यह मामला वर्ष 2012 से 2023 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों से संबंधित था। इन कर्मचारियों ने अपने सेवाकाल के अंतिम वर्ष में 30 जून तक वेतनवृद्धि प्राप्त की थी, लेकिन विभाग ने 1 जुलाई की वेतनवृद्धि देने से इनकार कर दिया था। विभाग का तर्क था कि वेतनवृद्धि की तिथि पर ये कर्मचारी सेवा में नहीं थे। हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि यह कर्मचारियों के साथ अन्याय है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्ति के ठीक अगले दिन होने वाली वेतनवृद्धि का लाभ इन कर्मचारियों को मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पूरे वर्ष सेवा प्रदान की है।

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प्रशासन ने नहीं किया आदेश का पालन
जब प्रशासन ने आदेश का पालन नहीं किया, तो हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। न्यायालय ने बांदा के जिलाधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने जिलाधिकारी को 20,000 रुपये की राशि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बांदा के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, उन्हें एक शपथपत्र देना होगा। जिसमें वे 25 जुलाई 2024 को दोपहर दो बजे कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने का वचन देंगे।

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