बदलता उत्तर प्रदेश : कानपुर-सागर NH पर बनेगा ग्रीन हाइवे, 96 गांवों की बदलेगी तस्वीर

UPT | प्रतिकात्मक तस्वीर

Dec 03, 2024 17:19

उत्तर प्रदेश के कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर अब ग्रीन हाइवे बनने जा रहा है, जिसे जल्द ही धरातल पर लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी...

Kanpur News : उत्तर प्रदेश के कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर अब ग्रीन हाइवे बनने जा रहा है, जिसे जल्द ही धरातल पर लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। केंद्रीय परिवहन, सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने की मंजूरी दे दी है। यह ग्रीन हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह विकसित किया जाएगा, जिससे कानपुर से लेकर महोबा तक के 96 गांवों की तस्वीर बदलने की उम्मीद है। 

2021 में किया था ऐलान
दरअसल, इस ग्रीन हाइवे के निर्माण का ऐलान भारत सरकार ने 2021 में किया था, जब कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर रमईपुर के रिंग रोड से लेकर महोबा जिले के कबरई तक ग्रीन हाइवे बनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद से इस परियोजना का इंतजार किया जा रहा था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट के लिए सर्वे भी कराया था और अब ग्रीन हाइवे कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के कुल 96 गांवों के पास से होकर गुजरेगा।



केंद्रीय मंत्री ने दिए थे निर्देश
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो कई बार कानपुर और लखनऊ में आए हैं, ने इस ग्रीन हाइवे का अपने भाषण में जिक्र किया है। हाल ही में लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को इस परियोजना की डीपीआर जल्द पूरी करने का निर्देश दिया था। इससे अब यह उम्मीद जगी है कि इस ग्रीन हाइवे के निर्माण की दिशा में जल्द ही कदम बढ़ाए जाएंगे। 

कानपुर से मुंबई पहुंचना होगा आसान
इस ग्रीन हाइवे के बनने से कानपुर से मुंबई तक पहुंचने का मार्ग सरल हो जाएगा, जिससे कानपुर-सागर हाइवे पर यातायात का दबाव कम होगा। इस मार्ग पर प्रतिदिन भारी वाहनों की आवाजाही रहती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। खासकर कबरई से लेकर कानपुर तक इस मार्ग को खूनी हाईवे के रूप में जाना जाता है, जहां नियमित रूप से दुर्घटनाएं होती हैं। ग्रीन हाइवे के निर्माण से इन दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना जताई जा रही है। 

इन राज्यों से आने वाले वाहनों को होगी सुविधा
ग्रीन हाइवे बनने के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और अन्य राज्यों से आने-जाने वाले भारी वाहनों के चालकों को एक सीधा मार्ग मिलेगा। फिलहाल, कानपुर-सागर हाइवे से प्रतिदिन करीब 30,000 ट्रक गिट्टी और बालू लेकर गुजरते हैं, लेकिन ग्रीन हाइवे बनने से इन ट्रकों को इस मार्ग से आने-जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ग्रीन हाइवे के बनने से भारी वाहनों के मार्ग में बदलाव होगा और वे सीधे ग्रीन हाइवे से कानपुर, लखनऊ, बलिया, बहराइच जैसी प्रमुख जगहों की ओर चलेंगे। इसके चलते, पतारा, रमईपुर, घाटमपुर, सजेती, हमीरपुर, सुमेरपुर, कबरई जैसे इलाकों में रोजाना लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा। इस बदलाव से इन स्थानों पर यातायात की भीड़-भाड़ कम हो जाएगी और लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएं मिलेंगी।

इन क्षेत्रों से गुजरेगा हाइवे
कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर बनने वाला यह ग्रीन हाइवे 112 किलोमीटर लंबा होगा। यह हाईवे कानपुर से लेकर कबरई तक, हमीरपुर के पत्योरा डांडा, देवगांव, गहतौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, टेढ़ा, पंधरी, पारा रैपुरा, इटरा, चंदपुरवा बुजुर्ग, इंगोहटा और कई अन्य गांवों से होकर गुजरेगा। इस तरह, मौदहा तहसील के अरतरा, परछा, करहिया, छिमौली, मदारपुर, अकौना, रीवन, रतवा जैसी जगहों से होकर भी यह ग्रीन हाइवे निकलेगा। महोबा जिले के खन्ना, चिचारा, बन्हिगा, बरवई, गौहारी, कबरई जैसी जगहों से होते हुए यह हाईवे आगे बढ़ेगा। 

96 गावों को होगा फायदा
यह ग्रीन हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिससे न केवल इस क्षेत्र के 96 गांवों की तस्वीर बदलने की उम्मीद है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। इस ग्रीन हाइवे से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे क्षेत्र में पर्यटन, कृषि और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा, जो इन 96 गांवों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

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