कैब ड्राइवरों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच उनके पास आय का एकमात्र साधन कैब चलाना ही है। कैब कंपनियों द्वारा राइड दरें न बढ़ाए जाने और 30-35 प्रतिशत कमीशन वसूली के चलते उन्हें बेहद कम भुगतान किया जाता है। एक किलोमीटर की राइड के लिए केवल 7-8 रुपए औसत मिल रहे हैं। इस वजह से गाड़ी का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है।