Lucknow Nagar Nigam: दिल्ली के पानी-पानी होने के बाद लखनऊ की तैयारी, चोक पड़े नालों के आगे नगर निगम लाचार

UPT | बारिश से पहले नाले की स्थिति

Jun 28, 2024 16:23

हालत ये है कि पुराने लखनऊ से लेकर गोमती नगर जैसे पॉश इलाके में जलभराव की समस्या झेलने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ेगा। नालियां अभी से ओवरफ्लो की शिकार हैं और सड़कों पर पानी के बीच से लोग गुजरने को मजबूर हैं। लाखों की आबादी जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने से परेशान है।

Short Highlights
  • नालों से अतिक्रमण हटाने में अब तक नहीं मिली सफलता
  • बारिश के रफ्तार पकड़ने से पहले सभी नालों की सफाई बड़ी चुनौती
Lucknow News: शुरुआती बारिश में ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पानी पानी हो गई। सड़क, मोहल्ले से लेकर मंत्रियों के आवास पानी में डूब गए हैं। कुछ ऐसा ही नजारा जल्द लखनऊ में देखने को मिलेगा। नगर निगम मानसून से पहले हर बार नालों की सफाई के दावे करता है, लेकिन हकीकत सामने आते देर नहीं लगती। इस बार भी हालात बदलने की संभावना नहीं है। राजधानी में करीब 1550 से ज्यादा नालें अतिक्रमण का शिकार हैं। इनमें कई जगह लोगों ने कब्जा कर रखा है तो कुछ जगह सरकारी अतिक्रमण भी है। ऐसे में आम जनता की मुश्किलें बढ़ना तय है।

नगर आयुक्त जता चुके हैं नाराजगी
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह मानसून को लेकर नालों की समीक्षा के दौरान अपनी नाराजगी जता चुके हैं। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों की लचर कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने फटकार भी लगाई है। इसके बाद कुछ तेजी तो नजर आई है, लेकिन सभी नालों की धरातल पर सफाई होना अभी भी मुश्किल है। शहर में 350 से ज्यादा बड़े नाले हैं, इनमें नगर निगम 50 प्रतिशत का लक्ष्य ही सही से हासिल नहीं कर पाया है। नगर आयुक्त को खुद जगह जगह निरीक्षण के लिए उतरना पड़ रहा है। उन्होंने सरकटा नाला और पाटा नाला जोन 6 का निरीक्षण किया। इस दौरान कई प्रकार की ​कमी देखने को मिली, जिसे लेकर उन्होंने निर्देश​ दिए।

शहर में जलभराव वाले प्रमुख इलाके
राजधानी में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति की बात करें तो करीब 150 ऐसे स्थान हैं, जहां हर बारिश में स्थिति काफी खराब हो जाती है। नगर निगम को हर बार पंप लगाकर पानी निकाना पड़ता है। इनमें सिविल अस्पताल के पास पार्क रोड, हजरतगंज वार्ड में बेलदारी लेन, गीतापल्ली वार्ड में गोपालपुरी, जलालपुर अंडरपास, राजाजीपुरम मौना बेकरी रोड, हाईकोर्ट गेट नंबर छह के सामने, संजय गांधी मार्ग, मौलवीगंज वार्ड में गौस नगर नाला, भानुमति चौराहा और गोमतीनगर में अंबेडकर पार्क के करीब का इलाका सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों को लेकर अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है। 

पुराने लखनऊ से लेकर पॉश इलाकों का बुरा हाल 
हालत ये है कि पुराने लखनऊ से लेकर गोमती नगर जैसे पॉश इलाके में जलभराव की समस्या झेलने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ेगा। गोमती नगर में मंडी परिषद के पास नाले का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। कठौता चौराहे से डिवाइन हार्ट अस्पताल तक का नाला चोक स्थिति में है। ऐसे में विनम्र खंड, विभव खंड सहित आसपास की पचास हजार की आबादी अभी से जलभराव की समस्या को लेकर चिंतित हो गई है। गोमतीनगर विस्तार इलाके में रामआसरेपुरवा, गीतापुरी जैसे क्षेत्र में बारिश के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं हो पाया है। नालियां अभी से ओवरफ्लो की शिकार हैं और सड़कों पर पानी के बीच से लोग गुजरने को मजबूर हैं। इसी तरह पुराने लखनऊ में फैजुल्लागंज की स्थिति भी काफी खराब है। लाखों की आबादी जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने से परेशान है। आईआईम रोड से लेकर साठ फिटा रोड का क्षेत्र भी इसी समस्या का शिकार है। 

नगर निगम नालों पर अतिक्रमण रोकने में नाकाम
इसके अलावा कई जगह स्कूल कॉलेज से लेकर विभागों ने भी अतिक्रमण किया हुआ है। नगर निगम इससे भी परेशान है। बलरामपुर अस्पताल के पास चकबस्त रोड पर सेंटीनियल कॉलेज ने ही नाले पर दीवार का निर्माण करा लिया और नगर निगम से मंजूरी नहीं ली। नगर निगम के मुताबिक नाले की भूमि छोड़कर स्थाई निर्माण का प्रावधान है। नाले के किनारे नगर निगम भूमि पर जनहित उपयोग के लिए रैन बसेरा का निर्माण कार्य कराया गया है, जिसकी दीवार नाले की दूरी पर है। वहीं यहां पर सेंटीनियल कॉलेज ने अवैध रूप से नाले पर दीवार का निर्माण कर लिया है। ऐसे में अब कॉलेज के प्रबंधक को नोटिस देने की तैयारी है। नगर निगम के मुताबिक समय-समय पर बारिश से पूर्व नाले की सफाई का कार्य कराया जाता है। हालांकि कॉलेज के अतिक्रमण करने के दौरान नगर निगम ने एक्शन क्यों नहीं लिया, इस पर अधिकारी मौन हैं।  

मेयर और नगर आयुक्त कर रहे निरीक्षण
इस बीच मेयर सुषमा खर्कवाल भी शहरी क्षेत्र में बारिश को लेकर नालों का​ निरीक्षण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ नगर निगम को जलभराव मुक्त बनाने में जो भी अधिकारी लापरवाही बरतेंगे, उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा। वहीं नगर आयुक्त  इंद्रजीत सिंह का कहना है​ कि नालों की सफाई को लेकर वह स्वयं लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। इसकी समीक्षा की जा रही है। अपर आयुक्तों को भी फील्ड में उतारा गया है। जहां काम धीमा है, वहां तेजी लाने को बोला गया है। जलभराव की स्थिति में पंप लगाकर पानी की निकासी की जाएगी। इसके अलाव बाढ़ पंपिंग स्टेशन को भी दुरुस्त किया गया है। 

नगर विकास मंत्री ने दी चेतावनी
बारिश को लेकर नगर विकास विभाग के 72 घंटे नाला सफाई अभियान के दौरान कई जगह काम जारी है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने नगर निगम के अफसरों को नाला-सफाई के काम में ढिलाई को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने जोन आठ में बंगला बाजार चौराहे से खजाना चौराहे तक के नालों, खजाना चौराहे से रेलवे अंडरक्रॉसिंग तक किला मोहम्मदी नाले और स्मृति उपवन चौराहे से पावर हाउस चौराहे तक के नालों का निरीक्षण किया। उन्होंने बंगला बाजार चौराहे के पास खुले नाले को 500 मीटर तक स्लैब से ढकने, स्मृति उपवन के सामने खजाना चौराहे के पास नाले पर आवश्यक स्लैब रखने, नाले की टूटी दीवारों की मरम्मत करने, किला मोहम्मदी नाले के किनारे दीवारें बनाने और सेक्टर एन-1 के सामने नाले से सिल्ट को तुरंत हटाने के निर्देश दिए हैं।

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