डाटा सेंटर को लेकर कैबिनेट में बड़ा फैसला : दो ग्रिड लाइन से होगी बिजली की निर्बाध आपूर्ति, 30 हजार करोड़ का होगा निवेश

UPT | डाटा सेंटर को लेकर कैबिनेट में बड़ा फैसला

Aug 27, 2024 19:55

यूपी की योगी कैबिनेट ने मंगलवार को डाटा सेंटर संशोधन नीति, सेटलमेंट डीड समेत 13 प्रस्तावों पर मंजूरी दी। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव 'उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर (प्रथम संशोधन) नीति-2021' को मंजूरी दी गई है।

Short Highlights
  • स्टोरेज क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा यूपी
  • 8 अत्याधुनिक डाटा सेंटर बनेंगे
  • नोएडा में प्रस्तावित है डेटा सेंटर
Noida News : यूपी की योगी कैबिनेट ने मंगलवार को डाटा सेंटर संशोधन नीति, सेटलमेंट डीड समेत 13 प्रस्तावों पर मंजूरी दी। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव 'उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर (प्रथम संशोधन) नीति-2021' को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत, डाटा सेंटर क्षेत्र में निवेशकों को दो ग्रिड लाइनों द्वारा विद्युत आपूर्ति का लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें निरंतर और स्थिर बिजली मिल सकेगी। 

8 अत्याधुनिक डाटा सेंटर बनेंगे
राज्य सरकार ने डाटा सेंटर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए जनवरी 2021 की डाटा सेंटर नीति में संशोधन किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में 900 मेगावॉट क्षमता के डाटा सेंटर उद्योग को विकसित करने, 30,000 करोड़ रुपये के निवेश आकर्षित करने और कम से कम 8 अत्याधुनिक निजी डाटा सेंटर पार्क्स स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

कई तरह के मिलेंगे प्रोत्साहन
इस नीति के अंतर्गत, डाटा सेंटर पार्क्स और इकाइयों को विभिन्न वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इनमें पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, भूमि के क्रय/पट्ट पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट और ऊर्जा से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं। बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहनों की व्यवस्था की गई है।

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
इस नीति के लागू होने से प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही, इस क्षेत्र में नई इकाइयों का आगमन होगा और प्रतिस्पर्धा के कारण नए नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे भविष्य में नई प्रौद्योगिकी का विकास भी संभव होगा।

स्टोरेज क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा यूपी
डाटा सेंटर इकाइयों के आसपास बड़ी संख्या में आईटी और सूचना प्रौद्योगिकी जनित इकाइयों की स्थापना होती है, जिससे रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। उत्तर प्रदेश में 8 डाटा सेंटर पार्क और 10 डाटा सेंटर इकाइयों की स्थापना से लगभग 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 10,000 से 25,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। इस नई नीति के तहत, निवेशक प्रदेश में अपने डाटा सेंटर और आईटी या आईटी जनित सेवा उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे वैश्विक डाटा सेंटर कंपनियों जैसे अमेज़न, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और आइबीएम के आने की संभावना बढ़ेगी। इन कंपनियों की उपस्थिति से उत्तर प्रदेश में डाटा स्टोरेज क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

नोएडा में प्रस्तावित है डेटा सेंटर
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का डेटा सेंटर नोएडा में प्रस्तावित है। मंगलवार को अडानी समूह को सेक्टर 80 में 10 एकड़ जमीन के उप-पट्टे की मंजूरी दे दी गई है। यह भूमि 50 मेगावाट के हाइपरस्केल डेटा पार्क के विकास के लिए आवंटित की गई है। यह परियोजना अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और एजकॉनेक्स के संयुक्त उद्यम, अडानीकॉनेक्स द्वारा स्थापित एक विशेष प्रयोजन वाहन, नोएडा डेटा सेंटर लिमिटेड के माध्यम से विकसित की जाएगी।

डेटा सेंटर का हब बनेगा भारत
दरअसल, 12 अप्रैल, 2021 को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को 70 करोड़ रुपये में यह जमीन दी गई थी, जिस पर उन्हें छह साल के भीतर डेटा सेंटर स्थापित करना था। इस साल 7 मार्च को, कंपनी ने प्राधिकरण से भूमि को उप-पट्टे पर देने की अनुमति मांगी, जिसे शुरुआत में अस्वीकार कर दिया गया था। हालांकि, राज्य सरकार के हस्तक्षेप और संशोधित डेटा सेंटर नीति के कारण स्थिति में बदलाव आया। बता दें कि इस परियोजना का महत्व कई स्तरों पर है। यह न केवल नोएडा में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। साथ ही, यह भारत के डेटा सेंटर हब बनने के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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